सत्य खबर
‘जिस थाली में खाया उसी में छेद किया’ ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी। जिसकी बानगी पंजाब में दिखने को मिली है जहां पर देश से गद्दारी करते हुए पुलिस के दो सिपाहियों ने देश की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित 900 से ज्यादा गुप्त दस्तावेजों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को भेज दिए , जिसकी भनक पुलिस के बड़े अधिकारियों को लगी तो हड़कप मच गया और तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी।
दरअसल पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए कथित रूप से जासूसी करने के मामले में सेना के दो जवानों को गिरफ्तार किया गया है। जिनकी पहचान सिपाही हरप्रीत सिंह और सिपाही गुरभेज सिंह के रूप में की गई है। बताया जा रहा है कि हरप्रीत जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में तैनात था और 19 राष्ट्रीय राइफल्स से जुड़ा था, तो वहीं गुरभेज करगिल में क्लर्क के रूप में कार्यरत था और 18 सिख लाइट इन्फेंट्री से संबंधित था।
पंजाब के डीजीपी ने बताया कि दोनों आरोपी देश की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित 900 से अधिक गुप्त दस्तावेजों की तस्वीरें सीमापार तस्करी करने वाले रणवीर सिंह को फरवरी से मई 2021 के बीच साझा कर चुके हैं। वहीं रणवीर सिंह उन्हें पाकिस्तान के खुफिया अफसरों को भेज चुका है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने रणवीर सिंह को 24 मई को 70 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद रणवीर सिंह से भारतीय सेना के कामकाज और तैनाती से संबंधित गुप्त दस्तावेज बरामद किये थे।
पूछताछ के दौरान रणवीर सिंह ने खुलासा किया कि उसने हरप्रीत सिंह से ये दस्तावेज हालिस किये जो उसका दोस्त हैं। दोनों एक ही गांव के हैं। आरोपित रणवीर ने हरप्रीत सिंह को रक्षा से संबंधित गुप्त दस्तावेजों को साझा करने के लिए पैसे देने का लालच दिया, जिसके बाद हरप्रीत ने अपने दोस्त गुरभेज सिंह को भी ऐसी राष्ट्र विरोधी जासूसी गतिविधियों में शामिल कर लिया।
डीजीपी के आधिकारिक बयान में कहा गया कि गुरभेज करगिल में 121 इन्फेंट्री ब्रिगेड मुख्यालय में क्लर्क के रूप में कार्यरत था, इसलिए वह भारतीय सेना से जुड़ी सामरिक जानकारी वाले इन गुप्त दस्तावेजों को आसानी से हासिल कर सकता थाऔर पाकिस्तान भेज सकता था। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि रणवीर सिंह इन गुप्त दस्तावेजों को पाकिस्तान आईएसआई के ओहदेदारों को सीधे या अमृतसर के दाउके गांव के मादक पदार्थ तस्कर गोपी के माध्यम से भेजता था। गोपी के पाकिस्तान में मादक पदार्थ तस्कर गिरोहों और आईएसआई अफसरों से संपर्क थे।
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इसके अलावा पुलिस ने गोपी को गिरफ्तार कर लिया जिसने गुप्त दस्तावेज पाकिस्तान के मादक पदार्थ तस्करों को भेजने की बात कबूल की है। इनमें से एक तस्कर की पहचान कोठर के रूप में की गयी है। दूसरा पाकिस्तान आईएसआई का कथित सदस्य सिकंदर है। दस्तावेजों के बदले वे हेरोइन और पैसा देते थे। डीजीपी ने बताया कि गुप्त दस्तावेजों की तस्वीरें कुछ एनक्रिप्टेन ऐप से भेजी जाती थीं।
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