सत्य खबर, भोपाल
मध्य प्रदेश के खंडवा में धूनीवाले दादाजी की नगरी में दो साल बाद कोरोना संक्रमण की बंदिशों को छोड़कर गुरुपूर्णिमा पर्व मनेगा। श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। 12 जुलाई की रात तक देशभर से 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु जुटेंगे, जिनके मुख पर केवल दादाजी का नाम होगा। जहां श्रद्धालुओं के पैर थमेंगे वहां हर हाथ सेवा के लिए तैयार होगा। जगह-जगह भंडारे होंगे, इनमें 56 से ज्यादा पकवान बनेंगे। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 22 धर्मशालाओं में फ्री व्यवस्था रहेगी।
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खंडवा में 12 और 13 जुलाई को मुख्य बाजार की दुकानें खुलेंगी, लेकिन व्यापार नहीं होगा। इन दुकानों के बाहर भंडारे लगाए जाएंगे। बाहर से आने वालों के लिए ऑटो फ्री रहेंगे। अमीर हो या गरीब, व्यापारी वर्ग हो या नौकरीपेशा सभी सेवा में जुटे रहेंगे। इधर, आयोजन को लेकर मंदिर ट्रस्ट, प्रशासन की तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी हैं। श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन के लिए वाटरप्रूफ टेंट, प्रसादी वितरण आदि की व्यवस्था हो गई है। बजरंग दल ने की थी भंडारे की शुरुआत
दादाजी भक्त व गणेश गोशाला के सचिव रामचंद्र मौर्य ने बताया कि 1992 में जिले के 2300 कार्यकर्ता उज्जैन कुंभ मेले में गए थे। तब वहां श्रद्धालुओं को चाय, पोहे व प्रसादी भंडारे में दी जा रही थी। यहीं से प्रेरणा लेकर बजरंग दल ने पहला भंडारा दादाजी मंदिर के पास शुरू किया था। इसके पहले दर्शनार्थी को प्रसाद नहीं मिल पाता था। वे अपनी ट्रैक्टर ट्राली के नीचे ही चूल्हा जलाकर भोजन की व्यवस्था करते थे।
100 से ज्यादा भंडारे
पर्व के दौरान शहर में एक से लेकर तीन दिन तक छोटे बड़े करीब 100 से अधिक भंडारे, 500 से अधिक चाय, पानी, पोहा, भजिया, जलेबी, मिठाई, काजू कतली, चाट, पानी पताशे सहित अन्य जलपान के स्टॉल लगाए जाते हैं। इनमें जेपीबी क्लब द्वारा महात्मा गांधी मार्ग, सराफा बाजार, घंटाघर, सिविल लाइन, कमल यूथ क्लब द्वारा भवानी माता मंदिर के पास आदि स्थानों पर बड़े आयोजन होते हैं।
दो दिन बंद रहते हैं होटल-ढाबे
प्रदेश में खंडवा ही ऐसा शहर है, जहां गुरु पूर्णिमा पर्व पर दो दिनों तक लोगों के घरों में चूल्हे नहीं जलते। बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी भंडारों में प्रसादी ग्रहण करते हैं। इस दौरान शहर ही नहीं जिले के सारे होटल-ढाबे बंद रहते हैं। काेई भी श्रद्धालु नाश्ते, चाय या भोजन पर खर्च नहीं करता।
ऑटो, कुली सेवा सब कुछ मुफ्त
ऑटो चालक मनीष शिंदे ने बताया कि उनके यूनियन के करीब एक दर्जन ऑटो चालक गुरु पूर्णिमा पर्व पर यात्रियों को मुफ्त सेवा देते हैं। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड से दादाजी धाम तक छोड़कर नि:स्वार्थ भाव से सेवा करते हैं। सेवा का यही जज्बा इस साल भी अनवरत जारी रहेगा। इधर, रेलवे स्टेशन पर भी बाहर से आने वाले यात्रियों का सामान कुली मुफ्त में ढोते हैं।
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