सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
गांव धरौदी में 11 गांवों के ग्रामीण धरौदी माइनर में पानी लाने की मांग को लेकर पिछले 14वें दिन से धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन अभी तक उनकी इस मांग पर सुनवाई नहीं हुई हैं। जिस कारण उनका गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने धरौदी माइनर को भाखड़ा बरवाला ब्रांच नहर से जोडऩे के लिए कुछ दिन पहले अर्धनग्न होकर प्रदर्शन भी किया था और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा था। लेकिन प्रदर्शन करने के बावजूद सरकार के कानों पर जंू तक नहीं रेंगी हैं, जिससे लगता है कि सरकार ग्रामीणों को उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वे भी धरतीपुत्र हैं, इसलिए आवेश में आकर वे कोई गलत कदम नहीं उठाना चाहते। इसलिए धरौदी माइनर संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि बृहस्पतिवार 4 जुलाई से हर गांव के 5 ग्रामीण भूख हड़ताल पर बैठेंगे, ताकि सरकार को पता चल सके कि वे मांग मनवाने के लिए भूखे भी रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि भूख हड़ताल पर पहले तो पुरूष ही रहेंगे, मगर उसके बाद भी सरकार पर भूख हड़ताल का कोई असर नहीं हुआ, तो बीवी-बच्चों को भी भूख हड़ताल में शामिल करेंगे। उन्होंने कहा कि अब उनके सब्र का बांध टूट चुका है, जो जल्द ही सैलाब के रूप में बहेगा।
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