सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
नगरपरिषद के एरिया में करीब 607 दुकानें व प्लॉट हैं, जिनको किराया पर दिया हुआ है। ताकि नगरपरिषद की किराये पर दी गई दुकानों व प्लॉटों से आमदन बढ़ सके। परंतु नगरपरिषद द्वारा बनाई गई दुकानों को किराया पर देने के बाद दुकान मालिकों ने नप के कर्मचारियों द्वारा नोटिस देने के बावजूद भी किराया समय-समय पर जमा नहीं करवाया। जिस कारण 607 दुकानों व प्लॉटों का किराया बढ़कर लगभग 3 करोड़ 86 लाख रूपये हो गया है। जोकि अब नगरपरिषद के लिए किराया वसूलना टेढी खीर साबित हो सकता है। कई दुकानों का किराया तो पिछले 7-8 सालों से ही बकाया है, जिनका किराया लाखों रूपये में पहुंच चुका है। ऐसे में नगरपरिषद के अधिकारियों ने किराया वसूलने के लिए सभी दुकानों व प्लॉट के मालिकों को नोटिस भिजवाने शुरू कर दिये हैं। सचिव संजय यादव ने बताया कि नोटिस मिलने के 10 बाद अगर दुकान मालिकों ने किराया जमा नहीं करवाया, तो उनकी दुकानें सील करनी शुरू कर दी जायेगी। जिनकी जिम्मेवारी दुकान मालिकों की होगी। उन्होंने बताया कि दुकानों का किराया वसूलने के लिए कर्मचारियों की विशेष ड्यूटी लगाई गई हैं, ताकि समय पर किराया भरवाया जा सके। उन्होंने बताया कि दुकानदारों को नोटिस मिलने के बाद किराया जमा करवाने के लिए लोग आने शुरू हो गये हैं। जिससे लगता है कि लगभग सभी दुकानों का जुलाई माह तक किराया जमा हो सकेगा। उन्होंने कहा कि दुकान मालिकों से किराया ब्याज सहित वसूल किया जायेगा। इसलिए दुकानदारों को समय रहते किराया जमा करवाना चाहिए और सीलिंग प्रक्रिया से बचना चाहिए।
4 करोड़ से कर्मचारियों को वेतन व अन्य विकास कार्य होंगे
पिछले कई सालों से बकाया लगभग 4 करोड़ किराया आने से वेतन के लिए कई बार हड़ताल पर जा चुके सफाई कर्मचारियों को वेतन दिया जायेगा। वहीं बाकी बचे रूपयों को शहर की सफाई व्यवस्था, लाइटों की मरम्मत व अन्य विकास कार्यों में लगाया जायेगा।
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नप की 607 दुकानों व प्लॉटों का किराया भरवाने के लिए दुकानदारों को नोटिस भिजवाया जा रहा है। अगर दुकानदार नोटिस मिलने के बाद किराया नहीं भरता, तो उसकी दुकान सील की जायेगी। किराया से कर्मचारियों का वेतन दिया जायेगा।
डॉ. अरविंद बाल्याण, ईओ
नगरपरिषद, नरवाना।
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