सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान):-
नरवाना के गांवों में भारी वर्षा के कारण किसान नरमा कपास की फसल को उजाडऩे पर मजबूर हो गए है, क्योंकि नरमा के खेतों में इतना पानी भरा हुआ है कि यह फसल खराब होने लग गई है। अब अगर दो दिन भी तेज धूप पड़ी तो नरमा पूरी तरह से उगल जाएगी और इसमें कुछ नहीं बचेगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष चौ जोगिंद्र घासीराम नैन, प्रदेश महासचिव जियालाल ढुंडवा व धीरा भिमेवाला ने बरसात से हुए फसलों के नुकसान को देखने के लिए कलायत, नरवाना तथा टोहाना ब्लॉक के गांवों ढुंडवा, गुरूसर, भाणा ब्राह्मण, गुरथली, नरवाना, बद्दोवाल, सच्चाखेड़ा, दनौदा, सैंथली, लितानी, कलौदा, भिमेवाला, खरड़वाल, अमरगढ आदि का दौरा किया, तो पाया कि बरसात से नरमा कपास की फसल तो 90 प्रतिशत खत्म हो चुकी है। दनौदा आदि गांवों में तो नरमा को रूटावेटर से बहा दिया है, क्योंकि ऐसी हालात में फसल के बचने की कोई गुजाइंश नहीं है। उन्होंने मांग की कि सरकार स्पेशल गिरदावरी करवा करके बरसात से हुए नुक़सान की भरपाई के लिए किसानों को कम से कम तीस हजार रु प्रति एकड़ दे, क्योंकि नरमा कपास की फसल पर लगभग पूरा खर्चा हो चुका है। जबकि दूसरी फसल अब बीज नहीं सकते, इसलिए किसानों को बचाने के लिए सरकार द्वारा तुरन्त गिरदावरी कराना जरूरी है। उन्होंने कहा, यदि सरकार द्वारा ऐसा नहीं किया गया, तो भाकियू जल्दी ही कोई मीटिंग लेकर आगे की रूप रेखा बनाएगी और आंदोलन करने पर मजबूर होगी।
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