सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
9 महीनों के अंतराल के बाद शहर की सरकार को प्रधान मिलने के आसार हो गए हैं। जिसके लिए सरकार द्वारा प्रधान व उपप्रधान का चुनाव करवाने के लिए 10 जुलाई तय कर दी है। बता दें कि पूर्व प्रधान छवि बंसल व उपप्रधान अजमेर श्योकंद के खिलाफ गत 30 सितंबर को अविश्वास प्रस्ताव पास कर दिया गया था और तब से नगरपरिषद अपने आप को लावारिस महसूस कर रही थी। हालांकि 24 मार्च को चुनाव की घोषणा हो गई थी, फिर उस समय लॉकडाउन ने बंटाधार कर दिया था। उस समय से लेकर अब तक वार्ड 21 से जेजेपी समर्थक पार्षद कृष्ण मोर प्रधान पद की दावेदारी ठोकते चले आ रहे हैं। कृष्ण मोर के अनुसार नगरपरिषद के 23 पार्षदों में से 11 पार्षद तो उनके पक्के हैं और सांसद व विधायक के मत को मिलाकर उसे 13 वोट चाहिए। उनकी तीन-चार पार्षदों के साथ लगातार बातचीत चल रही है और उम्मीद है कि दो-तिहाई पार्षदों का बहुमत उन्हें मिल जाएगा। वहीं भाजपा समर्थित व प्रधान पद के दावेदार वार्ड 4 से पार्षद सुनीता के पति सुदेश चौपड़ा ने कहा कि पार्टी जो भी आदेश देगी और पार्षद चाहेंगे, वह उस पर अमल करेंगे। इसके अतिरिक्त निवर्तमान चेयरपर्सन प्रतिनिधि हंसराज समैण बोले कि अभी तक प्रधान पद के 4-5 दावेदारों में से कोई खुलकर सामने नहीं आया है, मौका बताएगा कि किस को समर्थन करेंगे। इतना जरूर है कुछ पार्षद अब तक अपने वार्ड को बेचते चले आ रहे हैं।
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प्रधान पद के दावेदार को निलंबन पर मिला स्टे
प्रधान पद के प्रबल दावेदार कृष्ण मोर को सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के आरोप में शहरी निकाय विभाग द्वारा 23 जून को सस्पैंड कर दिया गया था, जिसके लिए गुरुवार को उन्हें कोर्ट से स्टे भी मिल गया। कृष्ण मोर ने कहा कि चेयरमैन की कुर्सी के लिए वे जोड़-तोड़ लगा रहे हैं और विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा की बैठक के बाद स्थिति साफ हो जायेगी।
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