हरियाणा

नरवाना में बिना परमिट की चल रही 36 बसों में से एक बस को इंपाउड कर निभाई औपचारिकता

सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-

उपकेंद्र नरवाना के अंतर्गत बिना परमिट की लगभग 36 बसें विभिन्न मार्गों पर दौड़ रही हैं। लेकिन परिवहन विभाग इस मामले में केवल अपनी औपचारिकता ही निभाता नजर आ रहा है। जिस कारण रोडवेज को हर महीने लाखों रूपयों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। फिर भी प्रशासन को इसकी जरा भी फिक्र नहीं हैं। जिससे बिना परमिट के बस चला रहे संचालकों के दिन-ब-दिन हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं। वहीं आरटीए सचिव बृहस्पतिवार को नरवाना में बिना परमिट की बसों का चालान काटने पहुंचे भी, लेकिन उन्होंने केवल एक बस का चालान कर औपचारिकता निभा दी। जिससे रोडवेज कर्मचारियों में इस बात को लेकर काफी रोष है। रोडवेज कर्मचारियों ने बताया कि बिना परमिट की बसें नरवाना-धनौरी, नरवाना-किठाना, नरवाना वाया समैन टोहाना, नरवाना वाया फुलियां टोहाना, नरवाना-काकड़ौद, उचाना-नारनौंद, उचाना-बरवाला, उचाना-किठाना आदि रूटों पर लगभग 36 बसें दौड़ रही हैं। बिना परमिट की दौड़ती बसों के बारे में कई बार जागरूक नागरिकों ने शिकायत भी दी जा चुकी है, लेकिन परिवहन विभाग केवल एक-दो बसों का चालान कर इतिश्री कर लेते हैं। लेकिन अगले दिन फिर यही बसें सड़कों पर बेलगाम दौड़ती नजर आती हैं। जिससे रोडवेज विभाग को लाखों रूपये का नुकसान होना स्वाभाविक हैं। उन्होंने कहा कि बिना परमिट की बसों के कारण सड़क पर जाम भी लग जाता है और रोडवेज बसें इस जाम मेें फंस जाती हैं, जिससे उनके चक्कर भी मिस हो जाते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इन बसों पर जल्द लगाम लगाई जाये, ताकि रोडवेज विभाग को नुकसान से बचाया जा सके।

दिल्ली-पटियाला हाइवे पर लगता है जाम
बिना परमिट की बसें दिल्ली-पटियाला हाइवे पर खड़ी होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि इस सड़क मार्ग पर थ्री-व्हीलर, छोटे वाहन तो खड़े होते ही हैं। साथ में ही इन बसों के खड़ा होने से जाम लग जाता है। जिससे रोडवेज बसों को निकलने में काफी समय लग जाता है। यही नहीं ट्रैफिक पुलिस के जवान भी इन बसों को हटाना मुनासिब नहीं समझते। यहीं नहीं ये बसें टंपरेरी नंबर पर चलती हैं, जिसको पुलिस द्वारा अनदेखा किया जा रहा है।

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अवैध प्राइवेट परिवहन समिति को बंद करने की कई बार यूनियन बंद करने की मांग कर चुकी है, लेकिन एक-दो बसों पर कारवाई कर उनको छोड़ दिया जाता है। जबकि अधिकारियों के सामने कई महीनों से यह अवैध धंधा चल रहा है। अगर अवैध बसों को जल्द बंद नहीं किया, तो हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी बैठक बुलाकर आगे की रणनीति की घोषणा करने पर मजबूर होगी, जिसकी जिम्मेवारी पूर्ण रूप से प्रशासन की होगी।
रामनिवास खरकभूरा
पे्रस प्रवक्ता, हरियाणा कर्मचारी महासंघ, जिला जींद

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सड़क पर जो बसें खड़ी मिलेंगी, उनका ही चालान काटा जायेगा। बिना परमिट की बसों का चालान काटने के लिए एसडीएम, रोडवेज महाप्रबंधक, पुलिस को पॉवर हैं।

जिले सिंह यादव,
आरटीए सचिव, जींद

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