सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
शहर की सरकार नगरपरिषद के प्रधान की कुर्सी मंगलवार को लगभग 10 महीने के अंतराल के बाद शोभायमान होगी। वर्तमान योजना में तीसरा प्रधान इस कुर्सी पर बैठेगा। आम चुनाव के समय भाजपा समर्थित सुरेश पप्पू प्रधान चुने गए थे और कृष्ण मोर उपप्रधान बनाए गए थे। लेकिन कुछ समय बाद अविश्वास प्रस्ताव के बाद बीजेपी की ही छवि बंसल ने सुरेश पप्पू को पटखनी दे डाली, तो अजमेर श्योकंद ने उपप्रधान की कुर्सी पर कब्जा पाया। फिर प्रधान बदलने मेें मिलने वाली मलाई में कुछ पार्षदों को यह भी रास नहीं आया और गत 30 सितंबर को प्रधान व उपप्रधान को अविश्वास प्रस्ताव में कुर्सी से उतार दिया। तब के बाद शुरू में उपप्रधान बने जेजेपी समर्थक कृष्ण मोर ने 9 जुलाई सांय तक प्रधान पद के लिए मोर्चा संभाले रखा। उसी दिन देर रात ऐनवक्त पर विभाग के एसीएस ने कृष्ण मोर को सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के आरोप में निलंबित कर दिया, तो बाजी भाजपा समर्थित सुनीता चौपड़ा के पक्ष में आ गई। अगले दिन 10 जुलाई को कांग्रेस पार्षदों का समर्थन लेकर सुनीता चौपड़ा निर्विरोध प्रधान चुन ली गई, तो कांग्रेस के राजू प्रजापत उपप्रधान बने। इस सारे प्रकरण मेें जेजेपी समर्थक पार्षदों को गठबंधन धर्म निभाने की एवज में हाथ मलने को मजबूर होना पड़ा।
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