सत्य खबर रेवाड़ी
कोसली की मार्केटिंग सोसाइटी में कार्यरत सेल्समैन ने जुलाई माह के दौरान करीब 48 लाख रुपये की खाद बेचकर राशि को हड़प लिया। मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मामले की जांच के लिए दो जांच कमेटी बैठा दी गई है। उधर,सोसाइटी प्रबंधक द्वारा सेल्समैन को नोटिस भेजकर दो दिन में राशि जमा कराने के निर्देश दिए गए है। जिले में 40 से अधिक सोसाइटियां हैं,जहां से किसानों को सस्ते दाम पर खाद मुहैया कराई जाती है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि जिला स्तर पर जांच की जाए तो औैर भी घोटाले उजागर हो सकते हैं।
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जुलाई माह में लाखों रुपये की खाद किसानों को बेची गई थी। बताया गया है कि इस दौरान सेल्समैन ने किसानों को नकद भुगतना कर करीब 48 लाख रुपये की खाद बेची लेकिन बैंक में रुपये जमा नहीं कराए। मामले का खुलासा दो जुलाई को हुआ लेकिन उस समय करीब 19 हजार रुपये का गबन सामने आया। इसके बाद सेल्समैन को रुपये जमा कराने की चेतावनी दी गई लेकिन रुपये जमा कराने की बजाये धीरे-धीरे गबन की राशि 48 लाख रुपये तक पहुंच गई। बताया जाता है कि इस दौरान बैंक के ही कर्मी ने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों के अलावा कृषि मंत्री को भी कर दी। इसके बाद मामले की जांच के लिए दो टीमों का गठन किया गया। दोनों टीमों ने अपनी जांच पूरी कर ली है, जिसमें करीब 48 लाख रुपये के गबन की बात सामने आई है।
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दो दिन में रुपये जमा कराने के दिए निर्देश
बताया गया है कि सेल्समैन को गबन की राशि दो दिन के अंदर जमा कराने के निर्देश दिए गए है लेकिन बड़ा सवाल है कि रुपये जमा कराने भर से ही सेल्समैन को छोड़ दिया जाएगा। क्या यह सरकारी रुपये का दुरपयोग नहीं है।
क्या प्रबंधक की जिम्मेदारी नहीं थी
इसमें देखने योग्य बात यह है कि इस पूरे प्रकरण में महज सेल्समैन ही दोषी है। क्या प्रबंधक की इसमें केई जिम्मेदारी नहीं बनती है,जबकि प्रबंधक ही परचेज इंजार्च का कार्य भी देख रहे हैं। बिना उच्च अधिकारियों के आर्शीवाद के सेल्समैन द्वारा इतने बड़े घपले को अंजाम दिया जा सकता। यह भी जांच का विषय है।
संज्ञान में आते ही कार्रवाई शुरू: प्रबंधक
कोसली शाखा के प्रबंधक अमरजीत ने बताया कि खाद बेचने के मामले में करीब 48 लाख रुपये का गबन तो हुआ है। सेल्समैन को दो दिन में रुपये जमा कराने का नोटिस दिया गया है। मामले की जांच कर उच्च अधिकारियों के पास भेज दी गई है।
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