सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
नरवाना शहर में बंदरों ने घमासान मचाया हुआ है। लेकिन कई बार इस समस्या से अवगत कराने के बाद भी प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। शहरवासी अब कहां जाएं और किससे अपना दुखड़ा रोएं। उनका कहना है कि शहर में बेसहारा पशुओं की समस्या तो पहले ही बड़ी भारी थी। अब इन बंदरों ने भी आतंक मचाया है। ये बंदर राह जाते लोगों को भी अपना शिकार बनाने लगे हैं, जिससे बच्चों का तो घर से निकलना दूभर हो गया है। ये आतंकी बंदर घरों की छत पर रखी टंकियों के ढक्कन के साथ गुब्बारों को तोड़ देते हैं, जिससे इस गर्मी के मौसम में पीने का पानी व्यर्थ बहता रहता है। इसके अतिरिक्त घर-आंगन में लगाये पेड़-पौधों को नष्ट करते रहते हैं, तो सरकार का पेड़ लगाओ का कार्यक्रम धूमिल होता दिखाई देता है। शहरवासी विनोद कालरा, राजेश भोंसले, मा. बलबीर सिंह, भीम सिंह सिंहमार, ओमप्रकाश अरोड़ा, अशोक गिरधर, अश्वनी गर्ग, कृष्ण शर्मा आदि ने प्रशासन से मांग की है कि प्रशासन इस समस्या से जल्दी निजात दिलाए, ताकि वे सुख-चैन से अपनी जिंदगी बसर कर सकें।
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कोरोना महामारी के कारण बंदरों के आतंक से उत्पन्न समस्या की ओर ध्यान नहीं दे पाए। जल्द ही नगरपरिषद अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा और शहर को बंदरों से छुटकारा दिलवाया जाएगा।
जयदीप कुमार, एसडीएम
एवं प्रशासक नगरपरिषद, नरवाना
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