सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा नई सब्जी मंडी से लेकर एफसीआइ गोदामों तक एसडीएफ पाइपों को बिछाया जाना था और इसका टेंडर विभाग द्वारा दिया गया था। जिसके बाद ठेकेदार द्वारा उन पाइपों को सब्जी मंडी रोड़ पर तीन अलग-अलग जगहों पर डलवाया गया था। ठेकेदार द्वारा इनको लगभग 6 महीने पहले इनको रखवाया गया था, लेकिन लॉकडाउन के चलते सब्जी रोड़ पर सिवरेज के पाइपों को बिछाने का काम नहीं हो सका। वहीं शुक्रवार को दोपहर लगभग 11 बजे सब्जी मंडी के गेट के पास रखे पाइपों में अज्ञात कारणों से आग लग गई। आग लगने की सूचना नगर परिषद व मार्केट कमेटी की फायर-बिग्रेड की गाडिय़ों को दी गई। आग लगने की सूचना मिलते ही गाडिय़ां मौके पर ही पहुंची, लेकिन आग इतनी भंयकर थी कि पानी लगते ही आग की लपटें ऊपर जा रही थी। नगर परिषद के अग्निशमन विभाग के अधिकारी दिलबाग श्योकंद ने कर्मचारियों की मदद से आग पर काबू पाने की बहुत कोशिश की। परंतु आग पर काबू पाना बहुत ही मुश्किल हो रहा था। आग लगने पर एसडीएम जयदीप कुमार, तहसीलदार अजय कुमार, मार्केट कमेटी सचिव जोगेंद्र सिंह, एसएचओ मनीष कुमार मौके पर पहुंचे। आग ज्यादा होने पर उचाना, जींद, कलायत से भी फायर-बिगे्रड की गाडिय़ों को भी बुलाया गया। जिसके बाद उचाना से फायर-बिगे्रड की गाड़ी की सहायता से आग पर लगभग अढाई घंटे के बाद आग पर काबू पाया गया। जब तक आग पर काबू पाया जाता, तब तक वहां पर रखे लगभग 12 पाइप जलकर राख हो चुके थे और ठेकेदार को लगभग 15-16 लाख रूपये का नुकसान हो गया।
बिजली की तारें पिघलकर टूट गई
एसडीएफ की पाइपों की आग इतनी भंयकर थी कि उन की लपटों से पास से गुजर रही बिजली की तारें भी पिघलकर टूट गई। जिसके बाद उन तारों से चिंगारी निकलनी शुरू हो गई। यही नहीं उन तारों के नीचे मार्केट कमेटी की गाड़ी भी नीचे खड़ी थी। गनीमत यह रही कि कोई भी कर्मचारी उस समय गाड़ी पर मौजूद नहीं था, बल्कि नीचे खड़े होकर आग बुझा रहे थे। अगर कोई कर्मचारी गाड़ी पर होता, तो जान-माल का नुकसान हो सकता था। बिजली की तारें टूटने पर बिजली विभाग को फोन किया गया, तो उसके बाद लाइन को बंद करवाया गया।
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