सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
सीटू व एटक सहित देशभर की 10 केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर कोरोना वायरस महामारी के संकट के बीच केन्द्र व कई राज्य सरकारों को ओर से श्रम कानूनों में किए गये मजदूर व कर्मचारी विरोधी बदलावों के विरोध में हल्ला बोल कार्यक्रम के तहत ट्रेड यूनियनों ने श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में ट्रेड यूनियनों ने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम मांगों का ज्ञापन भेजा।विभिन्न विभागों में गेट मीटिंग करके सरकारों की कर्मचारी व जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भारी रोष प्रकट किया। सीटू के जिला प्रधान सतबीर खरल, एटक एवं मंडी मजदूर यूनियन के नेता सतपाल सरोहा, एसकेएस जिला उपाध्यक्ष प्रदीप शर्मा, ब्लॉक प्रधान कर्मबीर शर्मा, सचिव दलेल राणा ने कहा कि एक तरफ देश की जनता कोरोना जैसी महामारी के संकट से जूझ रही है, वहीं केन्द्र समेत विभिन्न राज्य सरकारें श्रम कानूनों में बदलाव करने या ढील दिए जाने के मजदूर विरोधी फैंसले ले रही हैं। काम के घण्टे 8 से बढ़ाकर 12 घण्टे कर दिए गए हैं। कच्चे कर्मचारियों को नौकरियों से हटाया जा रहा है। कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और एलटीसी आदि में कटौती कर दी गई हैं और अन्य भत्तों में कटौती के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने टुरिज्म, कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड, स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों को हटाने की निंदा करते हुए सभी को वापिस नौकरी पर रखे जाने की अपील की गई। सभी नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य में तो लागू 38 श्रम कानूनों में बदलाव करते हुए तीन वर्षों के लिए नया अस्थायी अध्यादेश लाया गया है, जिसमें ज्यादातर श्रम कानूनों को हटा दिया गया है ताकि आर्थिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाया जा सके। ऐसे में श्रम कानूनों में बदलावों के खिलाफ ही यह आंदोलन किया जा रहा है। इस मौके पर गेट मिटिंगों को ईश्वर धीमान, जगवन्ति, ईश्वर सच्चा खेड़ा, इंदर सिंह श्योकंद, सुरेश पुनिया आदि मौजूद रहे।
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