सत्यखबर, यमुनानगर
भाई बहन का पवित्र रिश्ता कलंकित ऐसा ही एक और मामला यमुनानगर में सामने आया है। जहां 16 साल की किशोरी की डिलीवरी हुई और उसने बच्चें को जन्म दिया। वहीं निजी अस्पताल से ये मामला चाइल्ड लाइन के संज्ञान में आया। जिसके बाद चाइल्ड लाइन के सामने जो सच्चाई आई उसने एक बार फि र अपनों को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया, क्योंकि इस नाबालिग के साथ ये सब इसी की बुआ के लडक़े ने किया। जिसके बाद ये नाबलिग गर्भवती हो गई। फिलहाल इस मामले में यमुनानगर में जीरो एफ आईआर करवाई गई है । ये मूल रूप से उतर प्रदेश के रहने वाले हैं और पिछले कुछ समय से चंडीगढ़ रह रहे थे। वहीं पर इसके यह सब कुछ हुआ । यहां किसी मेड एजेंसी के जरिये ये लडक़ी मेड का काम करने के लिए आई थी। जिस घर में ये लडक़ी काम करने आई थी। उन्होंने इसके दस्तावेज देखे तो इसकी उम्र 18 साल से कम थी जिसके बाद उन्होंने उस एजेंसी को लिखा और उसे मेड रखने मना कर दिया। इस तरह उन घर वालों की सूझ बूझ से यह पूरा मामला सामने आया। इस मामले में यहां जीरो एफआईआर की गई है इसे चंडीगढ़ ट्रांसफर किया जाएगा क्योंकि घटना वहीं पर हुई है।
डिलीवरी के दौरान एक बच्चें को जन्म देने वाली नाबालिग की हालत गंभीर है। फिलहाल उसे भी एडमिट रखा गया है। मामले का पता लगते ही चाइल्ड लाइन की टीम अस्पताल में पहुंची और किशोरी की काउंसलिंग की। पूछताछ में पता लगा कि तीन दिन पहले माडल टाउन में बतौर मेड एजेंसी की और से एक लडक़ी को भेजा गया था। जब उसके कागजों की जांच की तो उसमें जन्म वर्ष 2005 का था। जिस पर उसे मेड रखने के लिए इंकार कर दिया और एजेंसी को भी इस बारे में लिखित में भेज दिया। इसी बीच किशोरी को पेट में दर्द हुआ तो जिनके यहां पर वह मेड के लिए आई थी। वह उसे लेकर निजी अस्पताल में पहुंचे। जहां डाक्टरों ने देखा तो पता लगा कि यह गर्भवती है और उसे लेबर पेन हो रहा है। जब तक लेबर रूम में किशोरी को लेकर पहुंचते। उससे पहले ही उसे डिलिवरी शुरू हो गई थी। किसी तरह से डाक्टरों ने हालात काबू किए। किशोरी ने बच्चे को जन्म दिया। बच्चे का जन्म समय से कुछ पहले हुआ है। जिस वजह से उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। चाइल्ड लाइन की निदेशिका डा. अंजू वाजपेई ने बताया कि उन्हें अस्पताल से सूचना मिली थी।
जिस पर वह तुरंत टीम के साथ पहुंची। बच्चे की हालत गंभीर होने पर उसे सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया। जहां पर आराम नहीं होने पर पीजीआई के लिए रेफर कर दिया गया है। चाइल्ड लाइन ने किशोरी की काउंसलिंग की तो पता लगा कि किशोरी व उसका परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ का रहने वाला है। तीन साल से चंडीगढ़ में रह रहा है। यहीं पर घरों में मेड व अन्य मजदूरी करता है। कोरोना महामारी के बीच लाकडाउन लग गया। जिसमें परिवार के अन्य लोग लखनऊ लौट गए थे। चंडीगढ़ में किशोरी, उसकी एक बहन और बुआ का लडक़ा ही रह रहे थे। जानकारी के अनुसार दोनो शादी करना चाहते थे। वहीं दोनों के बीच सम्बंध बने। फिलहाल चाइल्ड लाइन की टीम ने किशोरी की मां को भी बुलवाया है। अब इस केस को बाल कल्याण समिति चंडीगढ़ को ट्रांसफर किया। वहीं यमुनानगर सिटी थाना में जीरो एफ आइआर दर्ज की गई है। घटना चंडीगढ़ की है। इसलिए केस को वहीं ट्रांसफ र किया जाएगा। वहीं इस घटना ने समाज को एक बार फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जमाना कितना खराब आ गया है जहां रिश्तों की कोई अह्मियत ही नहीं रही।
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