सत्य खबर, नारायणगढ़, (सरिता धीमान)। अगर मन मे कुछ करने की ठान ली जाए तो आयु और हालात आड़े नहीं आते। ये साबित कर दिखाया सीमा पसरीचा ने। जिन्होंने 52 वर्ष की आयु में आईटीआई में सिलाई कोर्स में दाखिला लिया और नियमित रूप से अपनी कक्षाएं लगाई। जिसके परिणाम स्वरूप सीमा ने 600 में से 497 अंक प्राप्त किये। सीमा पसरीचा ने बताया कि वह हमेशा से ही सिलाई कढ़ाई के क्षेत्र में काम करना चाहती थी लेकिन कोई सर्टिफिकेट न होने की वजह से कहीं आवेदन नहीं कर पा रही थी। उन्होंने बताया कि आई टी आई में एडमिशन का समय आने पर उन्होंने समाज सेवी संस्था जीवन मुक्त नि:शुल्क विद्यालय के पदाधिकारियों के सहयोग से सम्बंधित विभाग के अधिकारियों से बातचीत की। जहां से उन्हें 52 वर्ष की आयु में सिलाई कोर्स में दाखिले की अनुमति मिली। सीमा पसरीचा उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं जिनकी शिक्षा किसी न किसी कारण से अधूरी रह गई है या जो महिलाएं घर की आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाहती हैं। उल्लेखनीय है कि सीमा पसरीचा समाजसेवी संस्था जीवन मुक्त नि:शुल्क विद्यालय की नारायणगढ़ शाखा की अध्यक्ष भी हैं और संस्था के माध्यम से जरूरतमंद महिलाओं व छात्राओं की मदद करती रहती हैं। कोरोना काल में उन्होंने संस्था की ओर से निर्धन परिवारों के बच्चों की मदद की।
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