सत्य खबर, नई दिल्ली
ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर के ऑफिशियल वॉट्सएप ग्रुप पर PHE के असिस्टेंट इंजीनियर ने पोर्न वीडियो शेयर कर दिया। चार मिनट के इस सुहागरात वीडियो को देख अफसरों में भी हड़कंप मच गया। इसके बाद पूरे नगर निगम में कामकाज की बजाय इंजीनियर का भेजा ये वीडियो चर्चा का विषय बन गया। यह वीडियो कई और ग्रुप में भी वायरल होने लगा। जिस ग्रुप में इंजीनियर ने यह वीडियो डाला था वहां नगर निगम आयुक्त सिर्फ आदेश-निर्देश जारी करते हैं।
इंजीनियर की इस हरकत पर आयुक्त किशोर कान्याल काफी नाराज हुए। उन्होंने असिस्टेंट इंजीनियर को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों ना आपको सस्पेंड कर दिया जाए। इस मामले में असिस्टेंट इंजीनियर का कहना है कि वह गलती से सेंड हो गया था। हालांकि गलती से शेयर करने के बाद भी उन्होंने उसे डिलीट नहीं किया, ये हैरानी की बात है। फिलहाल उनके सिर पर नोटिस की तलवार लटकी है। वीडियो शेयर करने वाले इंजीनियर का नाम डीके गुप्ता है, जिनकी उम्र करीब 59 साल है।
यह है पूरा मामला
ग्वालियर नगर निगम में अफसरों के कामकाज से लेकर सफाई कर्मचारियों पर निगरानी के लिए कई ऑफिशियल ग्रुप बनाए गए हैं। इनमें से एक ग्रुप में सभी इंजीनियर और विभाग प्रमुख जुड़े हुए हैं। इस ग्रुप को खुद निगमायुक्त किशोर कान्याल संचालित करते हैं। इसमें अफसरों के लिए आदेश-निर्देश जारी किए जाते हैं। इसी ग्रुप में नगर निगम के PHE विभाग के सहायक यंत्री डीके गुप्ता भी जुड़े हुए हैं।
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निगम के ऑफिशियल वॉटसएप ग्रुप पर उन्होंने रविवार शाम को चार मिनट का एक पोर्न वीडियो शेयर कर दिया। जिसमें सुहागरात का सीन दिखाया गया था। इंजीनियर के मोबाइल से आए वीडियो ने ग्रुप पर ऐसी हलचल पैदा कर दी कि हंगामा खड़ा हो गया। इंजीनियर तो वीडियो डालकर भूल गए, लेकिन निगम में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। कुछ ही देर में यह निगम आयुक्त के पास भी पहुंच गया। ग्रुप में इस तरह का वीडियो देखकर वह काफी नाराज हुए।
इंजीनियर को मिला शो कॉज नोटिस
घटना के बाद निगम आयुक्त ने इंजीनियर को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस में लिखा गया है कि 12 जून 2022 को आपके द्वारा नगर निगम के आधिकारिक वॉट्सएप ग्रुप पर वीडियो शेयर किया है, जो आपत्तिजनक होने के साथ अन्य सेवकों पर विपरीत उदाहरण पेश करता है। आप शासकीय सेवक हैं, अत: आपका यह कृत्य शासकीय सेवकों के लिए निर्धारित नियमों के खिलाफ है। क्यों न आपके खिलाफ इस नियम के तहत सस्पेंड की कार्रवाई कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण तीन दिन के अंदर मुझे लिखित में दें। अन्यथा आपके खिलाफ नियम के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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