सत्य खबर, चरखी दादरी, विजय ढ़िंडोरिया
निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मियों ने सोमवार को दो दिवसीय हड़ताल करते हुए धरना दिया और शहर में जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। इस दौरान सामाजिक संगठन भी बैंक कर्मियों की हड़ताल के समर्थन में उतरे। प्रदर्शन कर बैंक कर्मियों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा और बैंक बचाने का आह्वान किया। बैंकों की हड़ताल के कारण लोगों को परेशानियों का भी सामना पड़ा।
बैंक यूनियन ऑल नेशनल इम्प्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर बैंक कर्मियों ने बैंकों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू करते हुए पीएनबी बैंक के समक्ष धरना देते हुए रोष प्रदर्शन किया। बैंकों की हड़ताल में फौगाट खाप, किसान व सामाजिक संगठनों ने भी पहुंचकर समर्थन दिया। यहां जिला प्रधान महेंद्र सिंह की अगुवाई में बैंक कर्मियों ने रोष प्रदर्शन किया और सरकार से बैंकों को दूसरे बैंकों में समावेश ना करने की मांग उठाई।
बता दें कि सरकार के बैंकों के निजीकरण को लेकर लिए फैसले के विरोध में बैंकों की दो दिन हड़ताल रहेगी। हडक़ाल के कारण जहां हड़ताल से करोड़ों का लेन-देन प्रभावित हो गया है वहीं लगातार तीसरे दिन बैंकों में ताला लगने के कारण व्यवसायियों व उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह ने बताया कि राष्ट्रीयकृत व ग्रामीण बैंकों को शामिल किया गया है। इसमें सीधे तौर पर पेश हुए बजट में बैंकों के निजीकरण किए जाने की घोषणा व नए श्रम कानून का विरोध किया जा रहा है। अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा वहीं भाकियू नेता जगबीर घसोला ने कहा कि सरकार आमजन के साथ-साथ किसान व कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही है अगर बैंकों का निजीकरण नहीं रोका गया तो किसान आंदोलन के साथ कर्मचारी भी बड़ा आंदोलन करेंगे।
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