सत्यखबर, कश्मीर
कश्मीर घाटी के जानेमाने या मशहूर पंडित इन दिनों आतंकियों के निशाने पर हैं। हालिया घटनाओं से उनमें भय का माहौल है। पांच हफ्ते में 14 सिविलियन मारे गए हैं। इनमें सात कश्मीरी मुस्लिम, चार गैर कश्मीरी मजदूर, दो कश्मीरी पंडित और एक सिख महिला शामिल हैं। इन घटनाओं के बाद एक बार फिर कश्मीर घाटी में डर का माहौल है। हालिया घटनाओं को देखते हुए सिक्योरिटी फोर्सेज ने भी सुरक्षा प्रबंध सख्त कर दिए हैं। इसकी वजह यह है कि कश्मीरी पंडित इन दिनों टारगेट पर हैं।
सोमवार को एक घटना हुई। इसमें आतंकी डॉक्टर संदीप मावा को टारगेट करना चाहते थे। उनकी पुराने कश्मीर में ड्राय फ्रूट्स की बड़ी दुकान है। आतंकियों ने गलती से कश्मीरी मुस्लिम को मार दिया जो संदीप का सेल्समैन था। संदीप के मुताबिक, वो खुद तीन बजे तक दुकान पर थे और अपनी एसयूवी वहीं छोड़कर आए थे। संदीप कहते हैं- पुलिस ने बताया कि मुझ पर हमला किया जा सकता है। मैं फौरन दूसरी कार से घर पहुंच गया। शाम को मुझे खबर मिली कि मेरा सेल्समैन मारा गया है। माइनोरिटीज को होने वाले खतरे के चलते उन्हें सुरक्षा मिली हुई है।
संदीप भले ही बिजनेसमैन हों, लेकिन उन्होंने मेडिकल एजुकेशन ली है। 2019 में वो कश्मीर लौटे। ये वो वक्त था जब जम्मू-कश्मीर से स्पेशल स्टेटस वापस लिया गया था। उनके पिता पर पहले आतंकी हमला हो चुका है। हालांकि, संदीप कहते हैं कि वो किसी हाल में कश्मीर नहीं छोड़ेंगे। उनके मारे गए सेल्समैन का नाम मोहम्मद इब्राहिम खान था। 45 साल का इब्राहिम श्रीनगर के ईदगाह इलाके का रहने वाला था। चश्मदीदों का कहना है कि खान पर उस वक्त हमला किया गया, जब वह डॉक्टर संदीप की एसयूवी में बैठ रहा था। उसके परिजनों का कहना है कि इब्राहिम पर हमला गलतफहमी में किया गया। आतंकियों ने सोचा कि यही संदीव मावा है। उस वक्त वहां अंधेरा भी था। इसलिए वे शायद उसे पहचान नहीं पाए।
इब्राहिम के परिवार में 19 साल का बेटा और 16 साल की बेटी के अलावा पत्नी है। बेटे का मंगलवार को 12वीं का एग्जाम था। इसलिए वो पिता की अंतिम यात्रा में भी शामिल नहीं हुआ। हमले की जिम्मेदारी मुस्लिम जांबाज फोर्स ने ली है। पांच अक्टूबर को घाटी के नामचीन कारोबारी पंडित और डॉक्टर माखनलाल बिंद्रू की हत्या कर दी गई थी। उनके बेटे सिद्धार्थ का कहना है- पिता को काफी पहले से धमकियां मिल रहीं थीं, लेकिन कश्मीर उनके दिल में बसता था। इसलिए उन्होंने जान की परवाह नहीं की।
माखन की हत्या के बाद एक और मशहूर कश्मीरी पंडित संजय टिक्कू को खतरे के चलते सिक्योरिटी कवर दिया गया था। पिछले महीने जब हमारी उनसे मुलाकात हुई तो उन्होंने बताया- पुलिस ने बताया है कि मुझे भी खतरा है। इन हमलों के बाद कुछ कश्मीरी पंडित घर में ही रह रहे हैं या फिर उन्होंने जम्मू छोड़ दिया है।
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कई लोगों को सुरक्षा दी
एक पुलिस अफसर ने बताया कि कई कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा दी गई है। इस अफसर ने भी माना कि कश्मीरी मुस्लिम सेल्समैन की हत्या गलती से हुई। हालांकि, हालिया घटनाओं के बाद कश्मीर में सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई है।
पैरामिलिट्री फोर्स के करीब पांच हजार अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं। इनमें से तीन हजार तो अकेले श्रीनगर में तैनात किए गए हैं। नए बंकर्स बनाए गए हैं। कुछ साल पहले श्रीनगर को आतंकवाद से मुक्त माना जाने लगा था, लेकिन हालिया घटनाओं के बाद हालात बदले हैं। सुरक्षा बलों ने यहां स्थायी बंकर बनाए हैं। पुलिस और सीआरपीएफ सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।
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