सतविंद्र राणा के नाम पर एमएलए
हॉस्टल में नहीं बुक हुआ कमरा
सत्यखबर चंडीगढ़ (ब्यूरो रिपोर्ट) – हरियाणा पुलिस द्वारा बुधवार की रात चंडीगढ़ में दबिश देकर पूर्व विधायक को गिरफ्तार किए जाने के बाद राजनीति के गलियारों में शराब तस्करी के मुद्दे पर नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सतविंद्र राणा जिस भी पार्टी में रहे हों वहां उन्होंने बहुत कम समय में बड़ा मुकाम हासिल किया है। कांग्रेस में रहते हुए राणा ने कई अहम पदों पर जिम्मेदारी निभाई। पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि राणा की गिरफ्तारी एमएलए हॉस्टल परिसर से हुई है।
वह चंडीगढ़ में आए हुए थे। राणा की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस द्वारा बताई जा रही कहानी में पूरी तरह से पेंच है। जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के चलते एमएलए हॉस्टल में इन दिनों न तो कोई कमरा बुक किया जा रहा है और न ही किसी को यहां रूकने की इजाजत है। एमएलए हॉस्टल की कैंटीन भी पिछले कई दिनों से बंद है। एमएलए हॉस्टल के आवासीय क्षेत्र और मुख्य द्वार के बीच खासा फासला है। किसी भी व्यक्ति की मुख्य द्वार से आगे एंट्री नहीं होती है।
ऐसे में पुलिस की कहानी को अगर सही माना जाए तो राणा कैसे एमएलए हॉस्टल में पहुंच गए और क्या वह यहां पर रूके हुए थे, इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है। विधानसभा स्पीकर के निर्देश के बाद एमएलए हास्टल में किसी को प्रवेश की इजाजत नहीं है। बता दें कि दिवंगत विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के एक गांव के जान पहचान के व्यक्ति को नशे के सामान के साथ एमएलए हास्टल से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद यहां एंट्री बंद हो गई थी।
मामला शराब कंपनी से भी जुड़ा
कद्दावर नेता के घर के बाहर से दबोचा
पूर्व विधायक सतविंद्र राणा की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक गलियारों में जो चर्चा चल रही है उसके अनुसार राणा कथित तौर पर एक शराब कंपनी का सीएंडएफ संभालते हैं। लॉकडाउन के दौरान हुए शराब घोटाले में इस कंपनी की शराब बेचे जाने की बात सामने आई है। उक्त कंपनी द्वारा एक्साइज टैक्स की अदायगी नहीं की गई थी। इसी सिलसिले में राणा चंडीगढ़ में एक कद्दावर नेता से मिलने के लिए आए थे और पुलिस ने उन्हें उसी कद्दावर नेता के आवास के बाहर से ही दबोच लिया।
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