सत्य खबर,पंजाब,
पंजाब कांग्रेस में चल रहा कलह खत्म होने की बजाय और भी गहराता जा रहा है. सीएम अमरिंदर और सिद्धू के बीच चल रहा तनाव इतना बढ़ गया कि मसले को सुलझाने के लिए कमेटी तक गठित हो गई. सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब कांग्रेस का विवाद सुलझाने के लिए समिति से मुलाकात की।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की दिल्ली में 3 सदस्यीय कांग्रेस कमेटी के साथ बैठक अभी जारी है. ये बैठक सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के दफ्तर में चल रही है. इस बैठक में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कमेटी के सामने अपनी सरकार द्वारा उठाए गए विकास कार्यों का ब्यौरा दिया. उन्होंने कहा कि पंजाब में बिजली माफ की जा रही है. खनन माफिया और ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ क्या कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं उनकी जानकारी दी, साथ ही नशे पर रोक लगाने के लिए कैप्टन सरकार क्या कुछ कर रही है उसका भी ब्यौरा दिया, बरगाड़ी मामले पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का ब्यौरा कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कमेटी के समक्ष रखा. और कहा कि जनता को घर-घर नौकरी देने के वायदे पर काम किया जा रहा है. पंजाब कांग्रेस के लिहाज से ये बैठक बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि इस बैठक के नतीजे पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
इस समिति की ओर से पंजाब के 6 मंत्रियों और 6 विधायकों को भी दिल्ली बुलाया गया है. जिसमें मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, रजिया सुल्ताना, सुख सरकारिया, चरनजीत सिंह चन्नी और भरत भूषण आशू के अलावा विधायक परगट सिंह, राजा वड़िंग, कुलजीत नागरा, किकी ढिल्लो, संगत सिंह गिलजियां और इंदरबीर सिंह बुलारिया को भी बुलाया गया. इन मंत्रियों में ज्यादातर चेहरे वो हैं, जो मुख्यमंत्री द्वारा दो विधायकों के बेटों को सरकारी नौकरी देने का विरोध कर रहे थे. कहा जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद पंजाब कांग्रेस में बड़ा उलटफेर हो सकता है।
साथ ही अगर इस बैठक के बाद कांग्रेस आलाकमान का समर्थन कैप्टन को मिला तो सिद्धू के लिए ये चिंताजनक बात होगी. यूं तो ये बैठक पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सब ठीक करने की कोशिश है. ताकि चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी कलह को दूर किया जा सके और कोई विपक्षी पार्टी इस कलह का फायदा ना उठा सके।
नाराज नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले कुछ समय से कैप्टन पर हमले तेज कर दिए हैं. यूं तो ये तकरार लंबे समय से चली आ रही है. पर इस बार तो सिद्धू ने कैप्टन से उनके कामकाज का रिपोर्ट कार्ड तक मांग डाला, और उन्हें खुली चुनौती भी दे डाली कहा कि कैप्टन कौन होते हैं, पार्टी में मेरे लिए दरवाजा बंद करने वाले? यूं तो ये आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला बेहद पुराना है लेकिन इस बार सिद्धू के तेवर इतने तल्ख दिखाई दे रहे हैं. कि कैप्टन-सिद्धू के बीच का विवाद आसानी से खत्म होना मुश्किल सा लग रहा है।
Aluminium scrap sorting techniques Aluminium scrap industry challenges Metal waste stream management