सत्य खबर,जयपुर
बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ. नायला कादरी बलोच ने पाकिस्तान से आजादी की गुहार लगाई है। कादरी ने कहा- बलूचिस्तान का बच्चा-बच्चा दहशतगर्दों और पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी चाहता है।
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वहां के सांप भी आजादी की जंग लड़ रहे हैं। जिसे आप ‘नाग देवता’ कहते हैं। वो बलूच लोगों को नहीं काटते, बल्कि पाकिस्तानी फौज को बंकरों में घुसकर भी डस रहे हैं। हमारी छोटी-छोटी बच्चियों के लिए रेप सेल बना रखी है। जहां उन्हें न्यूड कर टॉर्चर किया जा रहा। कादरी शुक्रवार को जयपुर में मीडिया से बात कर रही थीं।
कादरी ने कहा- बलोच के साथ इस वक्त जो हो रहा है, वो सोच भी नहीं सकते। क्योंकि वो किसी इंसान के साथ नहीं किया जा सकता। वहां लड़कियों की बॉडी को मशीन से ड्रिल किया जा रहा है। राजस्थान और भारत के लोग इसे कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं कि आपकी हिंगलाज माता के बच्चे पाकिस्तानी दहशतगर्दों और टेरेरिस्ट के हाथों में हैं। पाकिस्तानी टेरेरिज्म पूरी दुनिया में टेरर फैला रहा है। इसे रोकने के लिए भारत की जनता को अपना किरदार अदा करना होगा।
उन्होंने भारत की जनता और सरकार से मदद मांगते हुए कहा- बलूचिस्तान में क्रांति की शुरुआत करने वाले आजाद हिंद फौज के हीरो नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, अशफाकउल्लाह खान जैसे क्रांतिकारी हैं। उन्होंने कहा- नॉर्वे के लोग और मानवाधिकार कार्यकर्ता एहसान अर्जेमंडी 12 साल तक पाकिस्तान के टॉर्चर सेल में रहे। बहुत कोशिशों के बाद उनके देश ने उन्हें पाकिस्तान के चंगुल से छुड़ाया है। एहसान ने यूनाइटेड नेशंस में अपनी टेस्टिमनी में बताया वो बहुत दर्दनाक है।
उनके सामने एक बलोच लड़की की टॉर्चर सेल में बेइज्जती की गई। फिर उसकी पूरी बॉडी को मशीन से ड्रिल किया और मरने के लिए छोड़ दिया। एहसान जुलाई 2009 से अगस्त 2021 तक टॉर्चर का शिकार हुए।
2 लाख बलूच शहीद, 55 हजार गायब, रेप सेल्स में हैं बच्चियां
बलूचिस्तान का झंडा लहराते हुए डॉ. नायला कादरी बलोच की आंखें आंसुओं से भर आईं। अपने मुल्क के झंडे को चूमकर सिर से लगाया और बोलीं- मुझे बलूचिस्तान की आजादी सबसे प्यारी है। आजादी की जंग में 2 लाख से ज्यादा बलूच युवा और महिलाएं, बच्चे, बूढ़े शहीद हो चुके हैं।
पिछले 15 सालों में पाकिस्तान और चीन की सेना ने बलूचिस्तान में लगभग 55 हजार से ज्यादा लोगों को गायब कर दिया है। इनमें 90 साल के बूढ़े से लेकर 7 दिन की बच्ची तक शामिल हैं। उन्हें घरों से उठाकर ले गए। उन्हें छुड़ाने के लिए इंटरनेशनल कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। पाकिस्तान ने जीना इतना मुश्किल कर दिया है कि हमारे लिए अब मौत आसान है। मैं खुद टॉर्चर सर्वाइवर हूं
कादरी बलोच बताती हैं कि मैं अपनी दाहिनी आंख से देख नहीं सकती हूं। मैं टॉर्चर सर्वाइवर हूं। मेरी अपनी फैमिली और बहुत करीबी लोग भी टॉर्चर का शिकार हुए। हमने बहुत से अपनी करीबी साथी खोए हैं। महिलाओं की ये हालत है कि वहां उन्हें चैन से जीने नहीं देते। वहां जिंदगी नहीं है और इज्जत भी नहीं है। हमारे लिए कुछ भी बाकी नहीं छोड़ा है। बच्चियों को उठाकर ले जाते हैं। कोई पूछने वाला नहीं है।
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