सत्यखबर, पानीपत
पानीपत में इकलौते बेटे की मौत के बाद पिता अपने साले और दो भतीजों के साथ यूपी के मुजफ्फरनगर से कार से पानीपत आ रहे थे। कैराना से करीब 5 किलोमीटर पहले एक कार चालक ने उनकी कार में साइड मार दी। हालात को भांपकर उन्होंने कार को दौड़ा लिया। एक ट्रक आगे आने के कारण परिजनों को कार रोकनी पड़ी। तभी दो कार सवार तीन बदमाशों ने घेरकर मृतक के पिता और दो चचेरे भाइयों पर लोहे की रॉड से सिर पर वार कर दिए और 20 हजार लूटकर वापस शामली की ओर फरार हो गए। उत्तर-प्रदेश के मुजफ्फरनगर की दक्षिण कृष्णा पुरी निवासी आदित्य शर्मा ने बताया कि पंडताई का काम करते हैं। उनका 21 वर्षीय इकलौता बेटा बसंत शर्मा अपने दोस्त मयंक के साथ गुरुवार शाम को स्कूटी से अपनी बुआ के पास पानीपत आ रहा था। मृतक की बुआ पानीपत के उग्राखेड़ी मोड़ पर रहती हैं। दोस्त मयंक ने बताया कि गांव छाजपुर के पास पीछे से तेज गति से आए एक अज्ञात कार के चालक ने स्कूटी में जोरदार टक्कर मार दी और भाग निकला। वह तो कच्चे रास्ते पर जा गिरा, लेकिन बसंत का सिर सड़क पर लग गया। सिर से लगातार खून बह रहा था। वह एक निजी वाहन से घायल दोस्त बसंत को अस्पताल लेकर चला, लेकिन रास्ते में ही बसंत ने दम तोड़ दिया।
आदित्य शर्मा ने बताया कि एक्सिडेंट के बाद मयंक ने फोन करके बसंत के घायल होने की सूचना दी। तब वह अपने साले जनारधन शर्मा और भतीजे शिशिर व मुकुल के साथ कार लेकर पानीपत के लिए निकले। जब वह उत्तर-प्रदेश के कैराना से करीब 5 किलोमीटर पहले पहुंचे तो पीछे से आए कार चालक ने साइड मार दी। कार चालक उन्हें रोकना चाहता था। वह कार सवार बदमाशों के इरादे भांपकर कार को दौड़ाने लगे। कुछ दूरी पर सामने ट्रक आने पर उन्हें कार धीमी करनी पड़ी। तभी बदमाशों ने एक कार आगे और दूसरी साइड में अड़ा दी। वह और दोनों भतीजे जैसे ही कार से उतरे तो बदमाशों ने लोहे की रॉड से सिर पर ताबड़तोड़ वार दिये। वह बेहोश होने लगे। तभी बदमाश मुकुल की जेब से 20 हजार रुपए लूटकर वापस शामली की तरफ भाग निकले। उन्होंने 112 पर कॉल किया, लेकिन रेस्पांस नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने कैराना कोतवाली पहुंचकर शिकायत दी।
आदित्य शर्मा ने बताया कि उन्हें एक लड़का और एक लड़की है। बसंत बड़ा और इकलौता बेटा था। बसंत से छोटी एक बेटी है। बसंत फिलहाल ग्रेजुएशन के फर्स्ट इयर में था। मुकुल ने बताया कि बसंत के मामा कार में बैठे हुए ही बदमाशों से परिवार में मौत होने की बात कहकर उन्हें छोड़ने की मिन्नतें करते रहे, लेकिन बदमाश नहीं माने। बदमाशों के एक साथी के कहने उन्होंने अपने वार रोक लिये। कार में बैठे रहने के कारण मामा जनारधन की जेब में रखे 14 हजार रुपए बच गए।
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