सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
पृथ्वी हमारी नहीं, बल्कि हम पृथ्वी के हैं। यह कथन केएम कालेज के एसोशिएट प्रोफेसर व समाजसेवी जयपाल आर्य ने 22 अप्रैल पृथ्वी दिवस के मौके पर कहे। आर्य ने कहा कि हमें पृथ्वी के बिगड़ते संतुलन के लिए पेड़ लगाने होंगे, ताकि इस ग्रह पर पर्यावरण बचा रह सके। इसके विपरित यहां पेड़ काटे जा रहे हैं। यहां तक कि जंगल भी नहीं बचे हैं। पेड़ों को काटकर कंक्रीट के जंगल बनाये जा रहे हैं। मनुष्य लंबी-चौड़ी सड़क बनाकर इसमें विकास की राह देख रहा है। उसे ये समझ नहीं कि जब एक दिन पृथ्वी ही नहीं बचेगी, तो उसका ये विकास किस काम का। उन्होंने कहा कि इस पर हमें मिल बैठकर सोच विचार करना होगा और धरती के पर्यावरण को बचाने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे। तब जाकर धरती के बिगड़ते सतुंलन को ठीक रखा जा सकता है और इस पृथ्वी के प्राणी लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
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