सत्य खबर, नई दिल्ली
भारत में दिन-प्रतिदिन मंहगे होते जा रहे सफर की सबसे बड़ी वजह है पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दाम। जिससे निपटने के लिए सरकार खासकर केन्द्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडक़री पूरी मेहनत कर रहे हैं । विशेषज्ञों की राय व अपने दिमाग का प्रयोग करते हुए गडक़री कई उपायों पर काम कर रहे हैं। जिसमें एक को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को अकोला में डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के 36वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए दावा किया कि देश में आने वाले समय में पेट्रोल पर बैन लग सकता है । इस मौके पर गडकरी को कृषि विश्वविद्यालय ने ‘डॉक्टर ऑफ साइंस’ की उपाधि भी प्रदान की । केंद्रीय मंत्री के इस बयान को इलेक्ट्रिक वाहनों से जोड़कर देखा जा रहा है । नितिन गड़करी खुद इलेक्ट्रिक वाहनों को खूब प्रमोट करते दिखते हैं । विभिन्न राज्यों की सरकारें भी इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक के लिए कई तरह की छूट और सुविधाएं दे रही हैं ।
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केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि अब विदर्भ में बने बायो-एथेनॉल का इस्तेमाल वाहनों में किया जा रहा है । ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण कुएं के पानी से किया जा सकता है और इसे 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा सकता है । उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में देश से पेट्रोल खत्म हो जाएगा ।
उन्होंने किसानों पर फोकस करते हुए कहा गेहूं, चावल, मक्का को खेत में पैदा करने से भविष्य नहीं बदला जा सकता । इसलिए किसानों को अन्न दाता बनने की बजाय ऊर्जा दाता बनने की जरूरत है।
गडकरी ने कहा कि निकट भविष्य में दोपहिया और चार पहिया वाहन ग्रीन हाइड्रोजन, एथेनॉल और सीएनजी पर आधारित होंगे ।
हालांकि केंद्रीय मंत्री की ये बात कितनी सच साबित होगी इसका पता तो आने वाले समय में ही लगेगा । क्योंकि पारंपरिक लकड़ी और कोयले वाले चूल्हे की जगह एलपीजी को धुंआ रहित और कम प्रदूषण करने बेहतरीन विकल्प माना जा रहा था और है भी लेकिन इसकी महंगी होती कीमत ने लोगों को एलपीजी के अलावा अन्य विकल्पों पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है । हालांकि अगर पेट्रोल का कोई सस्ता विकल्प देश में लागू होता है तो आम आदमी के लिए राहत की बात होगी ।
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