प्रदेश में मिट्टी व जल प्रशिक्षण के लिए की 192 प्रयोगशालाओं की व्यवस्था : कृष्ण लाल मिढा
सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल: विधायक डॉ कृष्ण लाल मिढा ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा प्रगतिशील किसान सम्मान योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत प्रगतिशील किसान को प्रथम स्थान प्राप्त करने पर 5 लाख रुपये, द्वितीय स्थान के लिए दो किसानों को 3-3 लाख रुपये व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले 5 किसानों को 1-1 लाख रुपये तथा 1०० किसानों को 5०-5० हजार रुपये के सांत्वना पुरस्कार दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कोई न कोई योजना बनाते रहते हैं। सरकार की इन योजनाओं से किसान खुशहाली की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा प्रगतिशील किसान ट्रेनर योजना के तहत प्रगतिशील किसान आसपास के कम से कम 1० किसानों को सर्वश्रेष्ठ किसान प्रणाली बनाने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने बताया कि सरकार की किसान मित्र योजना के तहत प्रगतिशील किसान, किसान मित्र के रूप में काम करेगा और एक किसान मित्र 1०० किसानों की वित्तीय प्रबंधन में मदद करेगा। इस योजना में प्रदेश के 17 हजार किसान मित्र 17 लाख किसानों का मार्गदर्शन करेंगे, सरकार की इस योजना से किसानों को और अधिक बेहतर लाभ मिल सकेगा।
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उन्होंने बताया कि प्रदेश में हरित स्टोर के नाम से 2 हजार रिटेल आऊटलेट सरकार द्वारा खोलने का निर्णय लिया है। जो मिनी सुपर मार्किट के रूप में कार्य करेंगे। इन पर सहकारी उत्पादों के साथ स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद भी बेचे जाएंगे। विधायक ने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए प्रदेश में मिट्टी व जल प्रशिक्षण की 192 प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं, जिससे किसान अपनी खेत की मिट्टी और पानी का टैस्ट करवा सकेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के शुगर मिलों में ईख शुगर के नाम से रिफाईंड शुगर ब्रांड की छोटी पैकिंग शुरू की है जिसकी कीमत 38 रुपये प्रति किलोग्राम है। इस पहल से जरूरत के अनुसार कोई भी व्यक्ति छोटी पैकिंग का लाभ उठा सकता है। सरकार की इस योजना से किसानों के साथ-साथ आम आदमी को लाभ मिल रहा है। विधायक ने बताया कि हरियाणा सरकार की भावांतर भरपाई योजना से किसानों को लाभ मिल रहा है। इस योजना में 19 बागवानी फसलें शामिल की गई हैं, जिनमें टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी के अतिरिक्त 15 अन्य फसलें किन्नू, अमरूद, गाजर, मटर, शिमलामिर्च, बैंगन, भिंडी, हरी मिर्च, लोकी, करेला, बंदगोभी, मूली, अदरक, हल्दी व आम इत्यादि शामिल की गई हैं। प्रदेश में बागवानी फसलों की सुगम बिक्री व उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए 486 एफपीओ बनाए जा चुके हैं तथा 514 और बनाने का लक्ष्य है। इनके द्वारा 15० इंटीग्रेटिड पैक हाऊस बनाए जाएंगे जिसके माध्यम से किसान अपनी फसल व सब्जी सफलता से बेच सकेंगे।
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