सत्यखबर, जींद
स्पेशल एंक्वारी टीम (एसईटी) अब प्रदेश में एक साल के दौरान दर्ज सभी केसों की जांच करेगी। टीम ने खरखौदा शराब घोटाले की जांच भी आगे बढ़ा दी है। डीजीपी मनोज यादव से वित्त वर्ष 2019-20 में शराब तस्करी को लेकर दर्ज हुई एफआईआर ले ली गई है। लॉकडाउन में शराब तस्करी की एफआईआर अलग से ली है,लेकिन जिस प्रकार से शराब तस्करी को लेकर हजारों में एफआईआर मानी जा रही थी,वास्तव में ऐसा नहीं है। लॉकडाउन में पुलिस ने 2300 से ज्यादा मामले शराब तस्करी के पकड़े हैं,लेकिन सभी में एफआईआर दर्ज नहीं हुई,क्योंकि नियम यह है कि एक्साइज डिपार्टमेंट शराब की बोतलों के अनुसार 50 से 500 रुपए तक जुर्माना लगाकर आरोपी को गारंटी पर छोड़ सकता है। लॉकडाउन में भले ही पुलिस ने शराब की दो लाख बोतलें पकड़ी हो,लेकिन एफआईआर ज्यादा नहीं है। इधर,सूत्रों का कहना है कि एसईटी के सामने अभी अवैध शराब का गोदाम केवल खरखौदा का सामने आया है। अब सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है कि और कहां-कहां ऐसे गोदाम हैं। पानीपत के समालखा के जिस गोदाम से शराब चोरी हुई है,वह अवैध शराब नहीं थी। वहां लाइसेंसी का लेबल पास होने पर शराब को सील किया था। एसईटी को 31 मई तक रिपोर्ट तैयार करनी है। एक-एक एफआईआर पढ़कर खामी ढूंढने का काम इतनी जल्द होना मुश्किल है। एसईटी दो-चार जगह मौका देख सकती है। इसके अलावा अधिकारियों से मिली रिपोर्ट का मिलान भी करनी है। गहन जांच के लिए और समय की जरूरत पड़ेगी। गृहमंत्री विज ने कहा कि एसईटी पूरे मामले की गहन जांच करेगी। पुलिस भी कई मामलों की अलग पड़ताल कर रही है।
एक्साइज डिपार्टमेंट से मांगा जवाब
सूत्रों का कहना है कि एसईटी ने एक्साइज डिपार्टमेंट की ओर से अवैध शराब पकड़े जाने पर लगाए जाने वाले जुर्माने पर भी सवाल उठाए हैं। कुछ मामलों में 30 दिन से ज्यादा देरी से जुर्माना लगाने का कारण पूछा है। यदि किसी ट्रक में 12 हजार बोतल भरी है और उस पर प्रति बोतल 500 रुपए जुर्माना लगाया जाए तो यह 60 लाख रुपए हो जाता है। ऐसे में वह जमा ही नहीं कराता और डेढ़-दो माह का कारावास भुगत लेता है। जबकि कम जुर्माने पर वह पैसा जमा करा देता है।
एसईटी को डीसी की कमेटी की जांच का इंतजार
एसईटी की दो मीटिंग हो चुकी है। अभी मुख्यमंत्री की ओर से जिलों में डीसी से कराई जांच रिपोर्ट का इंतजार है। क्योंकि इसमें शराब ठेकों के स्टॉक की मात्रा की जांच की जा रही है। प्रदेश में शराब के ठेके खुलने के बाद भी ठेकों पर भीड़ नहीं थी। लोगों तक शराब पहुंच रही थी।
ठेकेदार के पास 31 मार्च को कोई शराब बाकी रहती है तो उसे 1 अप्रैल से जिसके पास ठेका आया है,उसे देनी होती है। इस बार 27 मार्च से ठेके बंद हो गए थे। उनके पास स्टॉक जरूर बचना चाहिए था। इसलिए एक्साइज एंड टेक्सेशन डिपार्टमेंट खुद स्टॉक की जांच कर रहा है।
एसईटी को पावर देने को लेकर कानूनी जद्दोजहद
हरियाणा के शराब घोटाले को लेकर एसईटी (स्पेशल इन्क्वायरी टीम) को पावर दिए जाने का मामला कानूनी जद्दोजहद में उलझ गया है। इस मामले को लेकर गृह मंत्री अनिल विज ने होम सेक्रेट्री को जो पत्र लिखा था। वह मामला अब एलआर के पास पहुंच गया है। यह मंथन किया जा रहा है कि सेक्शन-32 के तहत पूछताछ की पावर एसईटी को किस तरह से दी जाए। गृहमंत्री चाह रहे हैं कि इस मामले में एसईटी को सीआरपीसी के तहत पूछताछ की पावर मिले। मसलन वह भूपेंद्र और अन्य आरोपियों से पूछताछ कर सके। इसी के चलते गृहमंत्री अनिल विज ने एसईटी की शक्तियां बढ़ाने के लिए पत्र लिखा था। इस कवायद में समय धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। एसईटी से 31 मई से पहले सरकार ने रिपोर्ट मांगी है। 31 मई को ही एडीजीपी सुभाष यादव की रिटायरमेंट हैं। सूत्रों के मुताबिक लगातार हो रही देरी के बाद अब एसईटी का समय बढऩा तय हो गया है,क्योंकि अभी तक एसईटी अपनी जांच में कुछ खास नहीं कर पाई है। समय कम होने के कारण 31 मई तक मामले में जांच पूरी होना संभव नहीं है। ऐसे में यदि एसईटी की समय सीमा बढ़ती है तो एडीजीपी सुभाष यादव को तीन माह की एक्सटेंशन मिलना भी स्वाभाविक है। मालूम हो इस मामले में सरकार ने पहले एसईटी का गठन किया। जिसके टर्म एंड कंडीशन में यह लिखा था कि एसईटी शराब के गोदामों का रिकार्ड मैच करेगी। इसके अलावा एसईटी यह देखेगी कि लाक डाउन के दौरान शराब के सील गोदामों ओर पुलिस के मालखानों में जो शराब मौजूद थी वह उतनी ही है या फिर कम। एसईटी ने अभी अपनी जांच शुरू ही की थी कि इस मामले में अनिल विज ने एसईटी की पावर बढ़ाने को लेकर पत्र लिख दिया। गृहमंत्री की ओर से एसईटी को सीआरपीसी के सेक्शन-32 के चैप्टर-10 की पावर देने को पत्र लिखा था। अब होम डिपार्टमेंट ने पावर देने से पहले एजी बलदेव राज महाजन से कानूनी सलाह मांगी है। इस पर ही पावर निर्भर रहेगा। सेक्शन-32 की पावर हाईकोर्ट व सरकार दे सकती है। लेकिन पेच यह है कि यह किसे दी जा सकती है और किसे नहीं। ऐसे में एजी ही सलाह देंगे।
आरोपी एएसआई जयपाल गिरफ्तार
अंतरराज्यीय शराब तस्कर भूपेंद्र के सरेंडर के बाद उसके पुलिस कर्मियों से मिलीभगत कर लॉकडाउन में शराब ठिकाने लगाने के खुलासे के बाद दर्ज हुए मामले में नामजद आरोपी एएसआई जयपाल को एसआईटी ने रोहतक से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। पुलिस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है।
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