सत्यखबर, जींद,अशोक छाबड़ा
ट्यूशन फीस के अलावा किसी भी तरह के फंड न लेने और फीस बढ़ोतरी न करने के हरियाणा सरकार के आदेश को निजी स्कूलों ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हरियाणा विद्यालय संघ ने अपने वकील पंकज मैनी के माध्यम के हाईकोर्ट याचिका दायर कर राज्य सरकार द्वारा 12 अप्रैल 2020 से 8 मई 2020 तक जारी उन सभी आदेश पर रोक लगाने की मांग की है कि जिसमें निजी स्कूलों को फीस ने बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार ने स्कूलों से केवल ट्यूशन फीस लेने का आदेश दिया है,लेकिन अन्य किसी तरह का फंड वे नहीं ले सकते। याचिका में बताया गया है कि स्कूल खुलने के बाद स्कूल को आधारभूत सुविधाएं बच्चों की सुरक्षा,स्टाफ व स्कूल को सैनिटाइज करने पर काफी खर्च करना पड़ेगा। दूसरी तरफ कोरोना के चलते मार्च माह के बाद स्कूल को बच्चों से फीस भी नहीं आई। जिस कारण काफी स्कूल आर्थिक संकट में हैं। सरकार स्कूलों को कोई छूट या आर्थिक सहायता देने के बदले उन पर बंदिशें लगा कर नियमों के खिलाफ काम कर रही है। सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत फंड न लेने और फीस न बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं जो कानूनन अनुचित है।
सरकार का आदेश नियमों के खिलाफ
संघ ने कहा है कि स्कूल हरियाणा शिक्षा नियम से चलते हैं न कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत। याचिका में यह भी बताया गया कि सरकार के आदेश उसके खुद के नियमों के खिलाफ हैं। सभी स्कूलों को एक जनवरी तक शिक्षा विभाग को अपना फार्म भरकर देना होता है। जिसमें स्कूल की आर्थिक स्थिति, जरूरत व अन्य जानकारी होती है। स्कूलों ने फार्म छह में नए सत्र से फीस बढ़ाने की योजना बताई थी। जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया था। लेकिन अब सरकार इस तरह के आदेश जारी कर अपने आदेश की अवेहलना कर रही है। यह याचिका ई फाइलिंग के माध्यम से दायर कर दी गई है और हाईकोर्ट इस पर वीरवार को सुनवाई करेगा।
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