सत्यखबर, मुंबई
आर्यन खान ड्रग केस के पंचनामे में NCB के गवाह केपी गोसावी के साथी प्रभाकर सेल ने आरोप लगाया है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने उससे एक खाली पंचनामे पर डरा-धमकाकर साइन कराया गया था । बता दें कि गोसावी वही शख्स है जिसके साथ आर्यन खान की एक सेल्फी वायरल हुई थी और जिसे एनसीबी ने बाद में मामले में स्वतंत्र गवाह बताया था । प्रभाकर ने आगे कहा कि केपी गोसावी के ‘संदिग्ध रूप से लापता’ होने के बाद अब इसे भी एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े से जान का खतरा महसूस हो रहा है । मिली जानकारी के मुताबिक प्रभाकर ने बताया कि वह गोसावी के के बॉडीगार्ड के तौर पर काम करता था । मुंबई में क्रूज पर पड़े छापे से पहले उसे और गोसावी को एक कोरे पंचनामे पर साइन करने के लिए मजबूर किया गया था । उसने ये भी दावा किया है कि क्रूज से ड्रग्स मिली थी या नहीं उसे ये मालूम नहीं है । प्रभाकर के मुताबिक ये वही कोरा पंचनामा है जिसे बाद में आर्यन के केस में इस्तेमाल किया गया है ।
शाहरुख की मैनेजर से मांगे गए थे 25 करोड़ रुपए!
उसके मुताबिक सैम से मुलाक़ात के बाद गोसावी किसी से फोन पर बात कर रहा था जिसमें ’25 करोड़ का बम’ रखने का जिक्र था और डील 18 करोड़ पर सेटल की जानी थी जिसमें से 8 करोड़ समीर वानखेड़े को मिलने थे । इस बातचीत में शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी से ये पैसे लेने का जिक्र था । पूजा डडलानी फोन नहीं उठा रही थी, इस बात का भी जिक्र एफिडेविट में किया गया है।
मुंबई क्रूज रेड से ठीक पहले किसी ‘सैम’ से मिला था गोसावी
प्रभाकर ने आगे बताया कि मुंबई क्रूज में रेड से पहले गोसावी एनसीबी दफ्तर के पास किसी ‘सैम डिसूजा’ नाम के शख्स से मिला था । प्रभाकर ने आगे कहा कि छापेमारी के दौरान उन्होंने बड़ी सावधानी से कुछ वीडियो और तस्वीरें ली थीं । एक वीडियो में साफ़ नज़र आ रहा है कि गोसावी ने हिरासत में लिए जाने से पहले आर्यन खान की किसी से फोन पर बात कराई थी । उसने इसके पीछे बड़ी साजिश का शक भी जाहिर किया है ।
प्रभाकर सेल ने यह भी बताया कि उसे पंच विटनेस बनाने के लिए समीर वानखेडे और एनसीबी के अधिकारियों ने करीब 7 से 8 पेज पर उसका साइन लिया जो ब्लैंक पेज थे । प्रभाकर सेल ने एक वीडियो स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि समीर वानखेड़े से उसे खतरा है , क्योंकि उसकी भी इंक्वायरी शुरू है ।
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प्रभाकर ने एनसीबी पर उठाए सवाल
प्रभाकर ने दावा किया है कि एनसीबी ने गोसावी को मजबूर कर मामले में गवाह बनाया था । उसने कहा कि गोसावी एक स्वतंत्र गवाह था और एक स्वतंत्र गवाह को छापेमारी की जानकारी कैसे मिल सकती है। उसने ये भी कहा कि पंचनामा पहले से ही तैयार कराया गया था और लोगों से पहले ही उस पर साइन भी करा लिए गए थे । प्रभाकर के मुताबिक इस साजिश के पीछे वह आदमी है जिससे गोसावी ने आर्यन की फोन पर बात कराई थी । इस बातचीत के बाद ही आर्यन को हिरासत में ले लिए गया था । प्रभाकर ने ‘सैम’ नाम के शख्स का भी पता लगाने की अपील की है जिससे गोसावी रेड से ठीक पहले मिला था।
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