सत्य खबर, फरीदाबाद
फरीदाबाद में सेक्टर-30 पुलिस लाइन में महिला हेड कांस्टेबल सरोज और उसके पति धर्मेंद्र अपने फ्लैट के अंदर मृत मिले हैं। हेड कांस्टेबल का शव बेड पर मिला, उसके गले में चुन्नी कसी हुई थी। वहीं धर्मेंद्र का शव पंखे से लटका मिला।
प्रथम दृष्टया लग रहा है कि धर्मेंद्र ने पहले सरोज की गला कसकर हत्या की, इसके बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस भी इसी के मुताबिक कार्रवाई कर रही है। माना जा रहा है कि धर्मेंद्र ने घरेलू कलह के चलते इतना बड़ा कदम उठाया। सरोज महिला थाना एनआइटी में तैनात थी। पुलिस मामले की छानबीन में लगी हुई है।
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शादी के बाद हुई पुलिस में भर्ती
जिला महेंद्रगढ़ के गांव नानकवास निवासी धर्मेंद्र सिंह की शादी रेवाड़ी के गांव बालधन निवासी सरोज के साथ साल 2005 में हुई थी। तब सरोज पुलिस में नहीं थी। साल 2010 में सरोज हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुई। उनकी पोस्टिंग फरीदाबाद में हुई।
साल 2018 में उन्हें हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति मिली। करीब दो साल से उनकी पोस्टिंग महिला थाना एनाअइटी में थी। वहीं दूसरी ओर धर्मेंद्र टैक्सी चालक थे। उनकी अपनी कार थी, जिसे वे टैक्सी के रूप में चलाते थे। पुलिस के मुताबिक सरोज पति से ड्राइविंग का काम छोड़कर कोई और नौकरी तलाश करने के लिए कहती थी, मगर वह नौकरी नहीं करना चाहते थे। इस वजह से दोनों के बीच मनमुटाव रहता था।
पड़ोसियों ने दी पुलिस को सूचना
पड़ोसियों ने बताया कि मंगलवार रात करीब 10 बजे पुलिस लाइन के क्वार्टर नंबर-60 में अपने घर पर दोनों थोड़े समय के अंतराल पर पहुंचे। उस समय नौवीं कक्षा में पढ़ने वाला उनका 14 वर्षीय बेटा देव ट्यूशन गया हुआ था। धर्मेंद्र ने मोबाइल से देव को कहा कि बुधवार को तुम्हारा पेपर है, इसलिए अच्छे से तैयारी करके लेट तक आना।
धर्मेंद्र के कहे अनुसार देव करीब साढ़े 11 बजे घर पहुंचा। उसने दरवाजे की कुंडी खटखटाई लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। आवाज सुनकर पड़ोसियों ने भी कुंडी खटखटाई, लेकिन जवाब नहीं मिला। उन्हें लगा कि सरोज और धर्मेंद्र गहरी नींद में सो गए हैं।
इसके बाद सेक्टर-31 थाना पुलिस को सूचना दी गई। डीसीपी सेंट्रल मुकेश मल्होत्रा, डीसीपी हेडक्वार्टर नितिश अग्रवाल, एसीपी देवेंद्र यादव, दलवीर सिंह, क्राइम ब्रांच डीएलएफ, सेक्टर-30 क्राइम ब्रांच और फोंरेंसिंक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने दोनों के शव बादशाह खान अस्पताल पहुंचाए।
घटना की जानकारी ससुराल और मायके वालों को दी। जानकारी मिलने पर दोनों पक्ष अस्पताल पहुंच गए। काम की अच्छी जानकार थी सरोज महिला थाना एनआइटी प्रभारी इंस्पेक्टर माया ने बताया कि सरोज बेहद मिलनसार और कार्यकुशल थी। महकमे में जिन मुकदमों की लिखा-पढ़ी होती है, उनकी उसे अच्छी जानकारी थी।
कोरोना काल में मंदा पड़ गया था टैक्सी का काम
सेक्टर-31 थाना प्रभारी बलवंत सिंह का कहना है कि कोरोना काल में टैक्सी का काम मंदा हो गया था। इस कारण सरोज पति से अच्छी नौकरी तलाश करने की बात कहती थी। धर्मेंद्र नौकरी नहीं करना चाहता था। इससे की घर में कलह शुरू हो गई और नौबत हत्या और आत्महत्या तक पहुंच गई। धर्मेंद्र ने पहले सरोज की गला घोंटकर हत्या की और फिर फांसी लगाकर आत्महत्या की।
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