सत्यखबर सफीदों, (महाबीर) – आर्य समाज सफीदों के धर्माचार्य आचार्य कमलेश शास्त्री ने नगर के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में बच्चों को बाल दिवस के उपलक्ष्य में संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को जितना हवा, पानी व भोजन की आवश्यकता है उससे भी अधिक बुद्धि के निर्माण के लिए नैतिक व चारित्रिक शिक्षा की जरूरत है।
आज के बच्चे कल के भविष्य है और समाज व राष्ट्र को एक शीर्ष तक पहुंचाने वाले यहीं बच्चे है। बच्चों को बुरी आदतों से बचाने के लिए उनमें आज ऋषियों और विद्वानों के वैदिक विचार डालने की आवश्यकता है। बच्चों को अपनी संस्कृति से पहचान कराना और उन्हें एक दिशा देना सभी प्रबुद्ध लोगों का सबसे बड़ा कर्तव्य है। आज शिक्षा की दौड़ में जहां उन्हें अफसर, इंजीनियर, डॉक्टर व अधिवक्ता बनाना जरूरी है, वहीं उन्हे एक अच्छा इन्सान बनाना भी आवश्यक है।
वैदिक विचार वे पारसमणि होते हैं, जिसको सुनने व पढऩे से बालक का लोहे जैसा जीवन सोना बन जाता है। हम इन बच्चों के अंदर भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद व बाल गंगाधर तिलक बनने के विचार भरे। यदि हम राष्ट्र, समाज व अपनी संस्कृति को बचाना चाहते है तो सबसे पहले हम बच्चों को बचाए।
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