सत्य खबर, हिसार
हरियाणा में खाद को लेकर किल्लत लंबे समय से चल रही है. इस बीच हिसार के पुट्टी सैमन गांव से एक अनोखी खबर सामने आई है जहां एक शख्स ने अपनी बहन की बेटी की शादी में शगुन के तौर पर 25 बोरी यूरिया खाद के दिए (Urea Bags Gift In Marriage) हैं. बता दें कि हरियाणा में पारंपरिक तौर पर बहन के बच्चों की शादी में भाई की तरफ से भात भरा जाता है और इस रसम में बहुत सारा कैश, जेवर कपड़े व अन्य उपहार दिए जाते हैं.
दरअसल पुट्ठी सैमन गांव में समुंदर सिंह के बेटी की शादी थी. शादी की तैयारियों के साथ-साथ गेहूं की फसल में खाद डालने के लिए खाद भी ढूंढना पढ़ रहा था. गेहूं की फसल की चिंता को लेकर समुंदर सिंह की पत्नी संतोष बेहद परेशान थी. इसी बीच उसके भाई का फोन शादी की तैयारियों को लेकर आया तो संतोष ने उनसे खाद न मिलने की बात कही. इस बात को सुनते ही संतोष के भाई नरेंद्र ने कहा कि चिंता करने की जरूरत नहीं है मैं खाद का इंतजाम कर दूंगा.
भाई के इस आश्वासन के बाद बहन चिंता मुक्त हो गई. शादी के दिन जब शगुन भरने माम आए तो साथ में एक गाड़ी में 25 बैग यूरिया खाद के भी लेकर पहुंचे. यह देखकर नरेंद्र की बहन संतोष के चेहरे पर जो खुशी थी वह देखने लायक थी. जब शगुन लेने की रस्म शुरू हुई तो न्योते में कन्यादान के अलावा 25 बैग यूरिया के खाद भी लिखे गए. मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि शगुन में ऐसा तोहफा शायद ही कभी मिला हो.देखते ही देखते यह अनोखी शादी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है. लोग शादी की इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.
क्यों हुई थी खाद की किल्लत: बता दें कि हरियाणा में गेंहू की बुआई के वक्त किसानों को डीएपी की किल्लत से काफी परेशानिया उठानी पड़ी थी. नौबत तो यहां तक आ गई थी कि पुलिस स्टेशन में खाद बटवाई गई. दरअसल किसानों को जब डीएपी नहीं मिली तो उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया था. किसानों के हंगामे को देखते हुए प्रशासन को मजबूरन ये कदम उठाना पड़ा था. डीएपी के बाद किसानों को यूरिया खाद की कमी को लेकर भी खासी दिक्कतों उठानी पड़ी. रबी के सीजन के दौरान किसानो में फसल में खाद डालने की होड़ मची हुई थी. जिस कारण प्रदेश के लगभग सभी जिलों में किसानों को यूरिया केंद्रो से खाद नहीं मिल पा रहा था. किसानों का कहना था कि खाद विक्रेता ब्लैक मार्केटिंग कर रहे हैं. जबकि सरकार का कहना था कि पिछले साल के मुकाबले इस साल खाद आने में देरी हुई जिसकी वजह से किसानों को खाद को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
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