सत्यखबर, नई दिल्ली
आईएमए व योगगुरु स्वामी रामदेव के बीच चल रहा ब्यानों का वाद विवाद शांत होता नजर नहीं आ रहा है। कल शुक्रवार को एक इंटरव्यू के जरिए फिर से बाबा रामदेव ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद अब आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल ने इन आरोपों का जवाब दिया है। जयलाल ने साफ तौर पर कहा कि किसी भी बीमारी के खिलाफ किसी इलाज को मान्यता देना सरकार का काम है। अगर सरकार भी रामदेव की बात से सहमत है तो उन्हें देश में एलोपैथी को बैन कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे नेचुरोपैथी पर किसी भी आयुर्वेदिक डाक्टर से चर्चा करने के लिए तैयार हैं। साथ ही उन्होंने पूछा कि इस बारे में रामदेव से क्यों बात की जानी चाहिए, क्या वे डॉक्टर हैं।
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हिंदी दैनिक समाचार पत्र दैनिक भास्कर से बातचीत में जयलाल ने कहा कि देश में चिकित्सा व्यवस्था का पूरा तंत्र है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जैसे संस्थान हैं जो कि दवाओं और इलाज से जुड़े आखिरी फैसले लेते हैं। रामदेव को एलोपैथी से दिक्कत है तो यहां जाकर शिकायत करनी चाहिए। उन्हें स्वास्थ्य मंत्री या प्रधानमंत्री के पास जाना चाहिए। अगर सरकार को लगता है कि रामदेव के आरोप सही हैं तो एलोपैथी से होने वाले इलाज रोक दें और इसे बैन कर दें अगर सरकार को ऐसा नहीं लगता तो रामदेव के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज कराएं। ताकि भारत के सभी चिकित्सकों का मनोबल न गिरे। उन्होंने कहा कि जब तक चिकित्सक मानसिक रूप से स्वतंत्र नहीं होता वह मरीज का सही उपचार नहीं कर सकता जबकि बाबा रामदेव चिकित्सकों को मानसिक तनाव दे रहा है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रामदेव 25 सवाल पूछ रहे हैं आखिर वे सवाल उठाने वाले कौन होते हैं। हालांकि मैं किसी भी आयुर्वेद के डॉक्टर से चर्चा करने के लिए तैयार हूं। रामदेव तो डॉक्टर हैं नहींण् असल में वे आईएमए पर जो आरोप लगाते हैं वो इल्जाम उन पर लगे हैं।
वहीं आईएमए के महासचिव जयेश लेले ने बाबा रामदेव के 25 सवाल भेजने पर कहा कि एक अनपढ़ आदमी हमसे सवाल पूछ रहा है। हम जवाब देंगे और विश्व भर से रेफ रेंस लेते हुए देंगे, लेकिन उसे नहीं देंगे पूरे देश को देंगे। जल्द ही हम इन जवाबों को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में बेसक कई प्रकार से मरीज का उपचार किया जाता है ज्यादातर एलौपेथी से होते हैं। यहां तक की उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण जब कोविड से संक्रमित हुए थे तो एलौपेथी पद्वती ही काम आई थी। इसलिए कम से बाबा रामदेव को तो ऐसा ब्यान कतई नहीं देना चाहिए था।
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