सत्यखबर,चंडीगढ़
CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में बेरोजगारी दर 35 प्रतिशत से ज्यादा हो चुकी है. औद्योगिक हब कहा जाने वाला हरियाणा पूरे देश में इस वक्त सबसे ज्यादा बेरोजगारी की मार झेल रहा है. हाल ही में पेश हुई CMIE की रिपोर्ट में ये बात साबित हुई है. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा बेरोज़गारी के मामले में पूरे देश में टॉप पर है. हरियाणा के 35.1 प्रतिशत लोग आज बेरोज़गारी का सामना कर रहे हैं. ये देश के अप्रैल महीने में बेरोजगारी औसत 8 प्रतिशत का 4 गुना है. चिंता बढ़ाने वाली बात है कि हरियाणा बेरोजगारी दर में यूपी-बिहार जैसे राज्यों से भी आगे निकल गया है. वहीं विशेषज्ञों ने इसका जिम्मेदार लॉकडाउन को बताया.
बेरोजगारी में टॉप पर हरियाणा, ये लॉकडाउन का असर या सरकार की नाकामी ? इस बारे में विशेषज्ञ विमल अंजुम ने कहा कि वो इस आंकड़े से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है. जो राज्य कृषि प्रधान होता है वहां पर बेरोजगारी दर इतनी ज्यादा नहीं होती. इसका कारण ये भी है कि ज्यादातर राज्य लॉकडाउन लगा रहे हैं.
उसका असर रोजगार के ऊपर भी पड़ रहा है. जाहिर सी बात है कि कामकाज बंद होगा तो बेरोजगारी भी ज्यादा बढ़ेगी. हरियाणा में बेरोजगारी दर 35% से ऊपर पहुंचने पर कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि एक बार फिर बेरोजगारी में, युवाओं को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर करने पर हरियाणा देश में पहले पायदान पर आया है.
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लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में बेरोजगारी की दर 35 फीसदी से ऊपर पहुंच गई है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल या उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को या तो रोजगार देना चाहिए या इस्तीफा. हालांकि हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर सूबे में बढ़ी बेरोजगारी दर की बात से इत्तेफाक नहीं रखते. उनके मुताबिक मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा में विपक्ष को इस मुद्दे पर जवाब दे दिया था. जिन लोगों ने सर्वे किया वो कांग्रेस के एजेंट हैं. उन्होंने कहा कि सुरजेवाला कुछ भी कह दें. उनके कहने से कुछ नहीं होता. वैसे तो कोरोना काल में लगभग हर जगह बेरोजगारी बढ़ी है. लेकिन हरियाणा का बेरोजगारी दर देश में सबसे ज्यादा है. जो कि चिंता की बात है. मौजूदा कोरोना काल में इंडस्ट्री पहले ही नुकसान में चली गई हैं और उसे कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में भी दोबारा लौटने के लिए काफी समय लगेगा. कम से कम 6 महीने से 1 साल लगेगा. ऐसा तभी संभव है जब प्रदेश में कोरोना की स्थिति को कंट्रोल किया जाए. मौजूदा स्थिति में तो बची हुई नौकरियों को ही बचा पाना मुश्किल हो रहा है.
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