सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
जब कोई किसी काम को करने की ठान ले, तो उसमें उम्र आड़े नहीं आती और ना ही किसी के सहयोग की विशेष जरूरत पड़ती है। अब नरवाना के गांव राजगढ़ ढोभी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत लगे खण्ड समन्वयक जयपाल के 62 वर्षीय पिता शमशेर सिंह को ही देख लें, जिन्होंने गांव के सार्वजनिक स्थानों तालाबों, शमशान घाटों व फिरनियों पर पौधे न होने की वजह से गर्मी के मौसम में मनुष्य तथा पशु-प्राणी परेशान होते हैं। जयपाल ने पिता की बात को तवज्जो देते हुए 7 बरगद तथा एक पिलहन का पौधा ला कर दिया। फिर पिता शमशेर जुट गए इन बरगद के पौधों को उगाने और उन्हें रक्षा कवच पहनाने में। शमशेर का कहना है कि उन पौधों को लगाने का कोई फायदा नहीं, जिनकी लगाने के बाद कोई संभाल नहीं ली जाती। शमशेर ने कहा कि इसीलिए तो हर साल सरकार, प्रशासन व लोगों द्वारा लाखों की संख्या में लगाये गए पौधे आखिर में हजारों तक ही पनप पाते हैं। उन्होंने कहा कि बेशक, कोई एक पौधा लगाए, लेकिन लगाने के बाद उसकी देखभाल, कटाई-छंटाई जरूर करें। तब जाकर वृक्ष लगाने का फायदा होगा और इनसे हमें छाया,फल आदि मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि पेड़ है तो जीवन है, हरियाली है और वातावरण साफ है। पेड़ नहीं होंगे, तो यह सारा जहान कंक्रीट का हो जाएगा तथा हमारा सांस लेना भी दूभर हो जाएगा।
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