सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
मौसम के बदलते मिजाज के कारण किसानों के माथे पर चिंता की साफ लकीरें देखी जा सकती हैं, क्योंकि किसान मण्डियों में गेहूं बेचने के लिए आया हुआ है और मण्डियों में खुले में गेहूं पड़ी हैं। जिससे बेमौसमी बारिश के कारण उनकी फसल भीगती नजर आ रही है। बारिश में गेहूं भीग जाने के कारण नमी की मात्रा बढ़ जाती है, जिस कारण एजेंसियां अधिक नमी के कारण गेहूं को खरीद नहीं करती। वहीं खेतों में खड़ी फसल को पका हुआ देखकर किसान मण्डियों में गेहूं की फसल ले तो आता है, लेकिन उनमें नमी ज्यादा होने के कारण सूखने तक मण्डी में ही रहने को मजबूर होना पड़ता है। एजेंसी अधिकारियों ने किसानों को साफ हिदायत दी हुई है कि किसान फसल को सुखाकर और साफ-सुथरी लेकर ही आयें, परंतु किसान फसल अधपकी फसल को मंडी लाने में जल्दी कर रहा है। यही कारण एजेंसियां गेहूं को खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं। नरवाना में मेला मण्डी, कपास मण्डी के अलावा धमतान साहिब, गढ़ी, धनौरी, बरटा, बेलरखां, दनौदा, फरैण कलां, खरल, मंगलपुर, फुलियां, सुदकैन और उझाना में सब परचेज सेंटर बनाये हुए हैं। जहंा केवल नरवाना परचेज सेंटर को छोड़कर कहीं भी एजेंसी द्वारा खरीद नहीं की गई है। नरवाना मेें हैफेड द्वारा 59 हजार 195 किग्रा. क्ंिवटल की खरीद की है, तो डीएफएससी ने 32 हजार 220 किग्रा. क्ंिवटल गेहूं खरीदी है।
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किसानों को सलाह दी जाती है कि फसल को सुखाकर लायें, लेकिन किसान जल्दबाजी मेेंं ज्यादा नमी वाली फसल ले आता है। इससे एजेंसी खरीद करने में हिचकिचाती हैं। यही नहीं फसल साफ-सुथरी भी होनी चाहिए।
ओमप्रकाश
सचिव, नगरपरिषद
नरवाना।
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