सत्य खबर
कृषि कानूनों के विरोध में किए गए भारत बंद का असर जिले में सुबह से ही देखने को मिला। 9 बजे ही रोडवेज बसों के पहिये थम गए। इससे पहले पानीपत, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, कैथल समेत लोकल रूटों पर 20 से ज्यादा बसें निकाली गई, जबकि परिवहन समिति की कोई भी बस नहीं चली। उचाना से उकलाना तथा बरवाला मार्ग पर सुबह 8 बजे ही ग्रामीणों ने रास्ता बंद कर दिया तो 9 बजे नरवाना से टोहाना मार्ग को जाम कर दिया गया।
भारत बंद को देखते हुए यात्रियों को किसी तरह की परेशानी नहीं आए, इसलिए रोडवेज द्वारा हालात के हिसाब से बसें चलाने का दावा किया गया था। सुबह 5 बजे से 9 बजे तक 20 से ज्यादा बसें विभिन्न रूटों पर निकाली। इनमें कम ही यात्रियों ने सफर किया, क्योंकि पहले से ही बंद के आह्वान के चलते कम लोग ही घर से निकले। अपने निजी वाहनों से ही लोग गंतव्य की तरफ जाते दिखाई दिए। 9 बजे के बाद जैसे ही डिपो प्रबंधन को विभिन्न रास्तों के जाम होने की सूचना मिली, तो एहतियात के तौर पर बसें रोकने का फैसला लिया और सभी बसों को डिपो में ही खड़ा कर दिया।
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लिंक मार्गाें पर जाम लगना शुरू
भारत बंद के आह्वान पर ग्रामीणों ने लिंक मार्गों पर सुबह ही जाम लगाना शुरू कर दिया था। हालांकि नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे को 11 बजे से जाम करने का फैसला किसानों द्वारा किया गया है लेकिन लिंक मार्ग सुबह से ही बंद हो गए थे। उचाना से बरवाला मार्ग पर सुबह 8 बजे किसानों ने बीच सड़क खाट डाल दी और वहीं पर दर्जनों किसान बैठकर हुक्का गुड़गुड़ाने लगे। इसके कुछ मार्गों पर ट्रैक्टर-ट्राली को सड़क के बीच खड़ा कर रास्ते को जाम किया गया है। किसान शांतिपूर्वक धरने पर बैठे हैं। कहीं से किसी अप्रिय घटना का कोई समाचार सुबह 10 बजे तक नहीं मिला। नरवाना से टोहाना मार्ग को भी बंद कर दिया गया है।
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