सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
प्रदेश सरकार द्वारा एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू कर दी गई थी, लेकिन गेहूं पकने में देरी होने के कारण मण्डियों में गेहूं नहीं आई। बैसाखी पर्व पर किसानों द्वारा मण्डियों मेें गेहूं लानी शुरू कर दी गई है। मगर आढ़ती ई-टैडरिंग के विरोध में हड़ताल पर बैठे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार ई-टैडरिंग करने का फैसला वापिस नहीं लेती, तब तक वे हड़ताल पर बैठे रहेंगे। मंडी एसोसिएशन के प्रधान जयदेव बंसल, जियालाल गोयल, सतपाल मोर, रमेश गर्ग, शशीकांत शर्मा, जयनारायण शर्मा, प्रवीण, सज्जन सिंगला आदि का कहना है कि किसान काफी वर्षों से उनके पास अपनी फसल बेचने के लिए आते रहे हैं। वे किसान का एक-एक दाना खरीद लेते हैं। लेकिन अब ई-टैडरिंग होने से किसान केवल साफ-सुथरी फसल को ही बेच सकेगा। उन्होंने कहा कि किसान को ई-टैडरिंग से केवल नुकसान ही होगा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इस फैसले को वापिस नहीं लेती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा और 15 अपै्रल को करनाल में महारैली कर अपना जोरदार विरोध दर्ज करवायेंगे। वहीं आढ़तियों के हड़ताल पर रहने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि मौसम में बदलाव को देखते हुए फसल भीग जाने का खतरा बना रहेगा।
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