सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
आर्य समाज के संस्थापक, सत्य सनातन वैदिक धर्म के पुनरूद्धारक, समाज सुधारक महर्षि दयानंद बोधोत्सव का पावन पर्व विशेष यज्ञ द्वारा संपन्न किया गया। यजमान के आसन पर विनीत एवं प्रवीण परिवार सहित उपस्थित हुए। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने महर्षि दयानंद के जीवन पर आधारित भाषण व सामूहिक गीत प्रस्तुत किए। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों ने पाखंड व अंधविश्वास पर लघु नाटिका का मंचन किया। भजनोपदेशक पंडित भानु प्रकाश शास्त्री ने कहा कि आज ही के दिन महर्षि दयानंद को बोध यानी वास्तविक ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और उन्होंने मूल शंकर से दयानंद सरस्वती की ख्याति को प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि लोगोंं को अपने-अपने मानस पटल से अविद्या और अंधकार को हटाकर ऋ षि के सिद्धांतों का प्रसार-प्रचार करना चाहिए। उनके संस्कारों को अपने जीवन में धारण करना और उनके बताए मार्ग पर चलना ही आर्यों का मूल उद्देश्य है। इस अवसर पर आर्य समाज के प्रधान इंद्रजीत आर्य, नरेश आर्य, अमोद कुमार, अश्वनी आर्य, आदित्य आर्य, योगेंद्र पाल आर्य, रघुभूषण गुप्ता, उषा मित्तल व सुनीता नारंग सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
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