सत्य खबर, नई दिल्ली
महाराष्ट्र में सरकार में शामिल कांग्रेस के कुछ विधायक बागी होने का समाचार है। बता दें कि शिवसेना नीत महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस के मंत्री अपनी ही पार्टी के विधायकों की नहीं सुन रहे हैं। उनके इस व्यवहार से क्षुब्ध होकर 25 विधायक बागी तेवर दिखा रहे हैं। मंत्रियों के व्यवहार से खफा इन विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात का वक्त मांगा है।
महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों का कहना है कि गठबंधन सरकार की तो छोडिय़े यदि हमारे मंत्री ही हमारी नहीं सुनेंगे तो आगामी चुनावों में पार्टी कैसे अच्छा प्रदर्शन कर पाएगी। इकॉनामिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इन विधायकों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर तुरंत दखल देने की मांग की है ताकि माहौल बिगडऩे से पहले संभल जाए। विधायकों ने कहा कि कांग्रेस के मंत्री हमारी चिंताओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और वे हमसे तालमेल नहीं बना रहे हैं। जिससे उनके सामने समर्थकों व कार्यकर्ताओं के काम कराने में परेशानी आ रही है।
कुछ विधायकों ने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार के मंत्री, खासकर कांग्रेस के मंत्री उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। एक विधायक ने कहा कि अगर मंत्री विधायकों के चुनाव क्षेत्रों के कामों का आग्रह टालेंगे तो पार्टी भावी चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कैसे करेगी।
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अब पता चला कि तीन विधायकों पर एक मंत्री
पार्टी में समन्वय की कमी जाहिर करते हुए कांग्रेस विधायकों ने कहा कि उन्हें गत सप्ताह ही पता चला कि कांग्रेस के तीन विधायकों के साथ समन्वय के लिए एक मंत्री तैनात किया गया है। एक अन्य कांग्रेस विधायक ने कहा कि यह बात हमें तब पता चली जब एचके पाटिल ने हाल ही में एक बैठक में यह जानकारी दी। यह अघाड़ी सरकार बनने के कुछ माह बाद किया गया था, लेकिन हमें इसके बारे में ढाई साल बाद पता चला। अब भी हमें यह नहीं पता कि हमारे साथ कौनसा मंत्री समन्वय करेगा।
हाशिये पर चली जाएगी कांग्रेस
कांग्रेस के कुछ अन्य विधायकों ने कहा कि हम राकांपा से पिछड़ रहे हैं क्योंकि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार अपनी पार्टी के विधायकों से नियमित रूप से मिलते हैं। धन आवंटित करते हैं और उनकी शिकायतें सुनते हैं। कांग्रेस के एक अन्य विधायक ने कहा कि राकांपा हम पर हमला कर रही है। राकांपा मंत्रालयों को अधिक धन आवंटित किया जाता। अगर यह सब ऐसे ही चलता रहा तो महाराष्ट्र में भी कांग्रेस अन्य राज्यों की तरह हाशिए पर चली जाएगी। जिस प्रकार से कांग्रेस के कार्यकर्ता व समर्थक थक हारकर घर बैठ रहें हैं उससे पार्टी को आने वाले समय में बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। इसलिए उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से मिलकर स्थिति सपष्ट करने का मन बनाया है।
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