सत्य खबर, मुंबई । तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है। इसी कड़ी में रविवार यानी आज महात्मा ज्योतिराव फुले की पुण्यतिथि के मौके पर मुंबई के आजाद मैदान में किसान व मजदूरों की महापंचायत होगी। इसमें 100 से ज्यादा संगठन शामिल होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता महापंचायत को संबोधित करेंगे।
वहीं, सोमवार को संसद के शीत सत्र की शुरुआत में ही केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने वाला बिल ‘कृषि कानून निरसन विधेयक 2021’ लोकसभा में पेश करने वाली है। सरकार के मुताबिक, किसानों का एक छोटा समूह ही इन कानूनों का विरोध कर रहा है लेकिन समावेशी विकास के लिए सभी को साथ लेकर चलना समय की मांग है, इसलिए इन तीनों कानूनों को वापस लेने का प्रावधान किया जा रहा है. मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर इस बिल को कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पेश करेंगे।
लोकतंत्र में दोनों पक्षों की बात सुनना बेहद जरूरी, सरकार इससे भाग रही
संयुक्त किसान मोर्चा ने बातचीत से भागने पर सरकार की निंदा करते हुए कहा, लोकतंत्र में दोनों पक्षों की बात सुनना बेहद जरूरी है। इसके लिए सरकार को किसानों से बातचीत करनी चाहिए और उनकी समस्याओं को सुनकर उचित समाधान निकालना चाहिए। लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है।
29 को नहीं होगी ट्रैक्टर रैली
वहीं, शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में 29 को किसानों की संसद कूच की प्लानिंग टल गई। घंटों चली महापंचायत में ट्रैक्टर रैली नहीं निकालने पर सहमति बनी। बता दें, बीते दिन यानी 26 नवंबर को किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर किसान 29 नवंबर को संसद की तरफ ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया था ।
दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद नेता रंजीत सिंह राजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य सरकारों और रेलवे से किसानों के खिलाफ आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए केस वापस लेने को कहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हम लगभग अपनी जंग जीत गए हैं । अब पीएम नरेंद्र मोदी को राज्य सरकारों और रेलवे को यह निर्देश देने चाहिए कि वे आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए केस वापस ले लें.’
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