सत्यखबर, सोनीपत
मुरथल ब्लाॅक में ग्राम प्रधानों और ग्राम सचिवों ने निर्माण सामग्री सप्लाई करने वाली कंपनियों और बैंक स्टाफ से मिलकर करोड़ों की सरकारी धनराशि में बंदरबांट किया। शुरुआती अनुमान के अनुसार पांच करोड़ रुपये की धनराशि का बंदरबांट की ली गई। इसका खुलासा ग्राम सचिव सुरजीत के आत्महत्या के दौरान सुसाइड नोट छोड़ने के बाद हुआ। अब इस मामले में शासन ने विजिलेंस टीम का गठन किया है। सोमवार को सुबह दस बजे पंचकूला से पहुंची विजिलेंस टीम ने मुरथल बीडीपीओ कार्यालय में छापा मारा और जांच शुरू कर दी है।
ऐसे हुआ घपला
गांवों के विकास के लिए लोहा, सीमेंट आदि निर्माण सामग्री सप्लाई करने वाली कंपनियों के नाम से मोटी धनराशि के चेक काटे गए। इन चेक को बैंकों से कैश कराकर आपस में बांट लिया गया। बिना निर्माण हुए ही ग्राम प्रधानों ने ओके कर दिया और अधिकारियों ने अपने स्तर से इन बिलों को स्वीकृत कर दिया। शुरुआती जांच में विकास खंड की सात ग्राम पंचायतों में इस तरह से घपला किया गया। इसमें पांच करोड़ से ज्यादा की धनराशि का बंदरबांट किया गया।
इन ग्राम पंचायतों की चल रही है जांच
विकास खंड की सात ग्राम पंचायतों में शुरुआती जांच में घपला सामने आया है। इनमें गांव धतूरी, सनपेड़ा, हसनपुर, कामी, पीपली खेड़ा, टिकौला और मलिकपुर ग्राम पंचायतों में जांच शुरू कर दी गई है। मलिकपुर को छोड़कर अन्य ग्राम प्रधानों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें से कुछ ग्राम प्रधानों ने करीब दो करोड़ रुपया जमा करा दिया है। संबंधित ग्राम प्रधानों के खिलाफ संबंधित थानों में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है। पुलिस के साथ ही इन मामलों की जांच एसआइटी भी कर रही है।
विजिलेंस टीम पहुंची मुरथल ब्लाॅक
इस मामले की जांच के लिए शासन ने विजिलेंस टीम का गठन किया है। विजिलेंस टीम मुरथल बीडीपीओ कार्यालय पहुंची और जरूरी कागजात कब्जे में लिए। टीम विभिन्न ग्राम पंचायतों के खातों से निकाली गई धनराशि की अलग-अलग जांच कर रही है। इसके बाद टीम भौतिक सत्यापन के लिए संबंधित गांवों में भी जा सकती है। टीम इन मामलों में विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
ग्राम सचिव कर चुका है आत्महत्या
करोड़ों के इस घपले में ग्राम सचिव सुरजीत आत्महत्या कर चुका है। उसकी जेब से सुसाइड नोट मिला था। उसमें मुरथल ब्लाॅक के बीडीपीओ मनीष मलिक को घपले का मुख्य कर्ताधर्ता बताया गया था। मृतक का आरोप था कि मनीष मलिक ने दबाव देकर घपला कराया और रुपये अपने पास रख लिए। सुरजीत की मौत के बाद ही इस घपले का खुलासा हुआ था।
अधिकारी ने कहा
विजिलेंस टीम ब्लाॅक कार्यालय में जांच कर रही है। टीम द्वारा मांगे गए कागजात उपलब्ध करा दिए गए हैं। टीम गांवों में जाना चाहेगी तो जा सकती है। शुरुआती जांच में घपले में ग्राम प्रधानों,निर्माण सामग्री सप्लाई करने वाली कंपनी और ग्राम सचिव की संलिप्तता सामने आई थी।
https://www.youtube.com/watch?v=IFu9oLzWbnM
Scrap aluminium ecological impact Aluminium recycling research and development Ethical metal sourcing