सत्य खबर, मुरादाबाद
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है । मुर्दाघर में एक शख्स का पोस्टमार्टम होने जा रहा था । सात घंटे तक शव बेहद ठंडक में फ्रीजर में रखा रहा, लेकिन पोस्टमार्टम से ठीक पहले शख्स की बॉडी हिलने डुलने लगी । इससे पोस्टमार्टम हाउस में भगदड़ मच गई । परिजन और डॉक्टर्स सकते में आ गए । फ्रीजर खोला गया। पता लगा कि शख्स फिर से ‘जिंदा’ हो गया ।
ये चौंका देने वाला मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का है । यहां रहने वाले इलेक्ट्रिशियन श्रीकेश कुमार को तेज रफ्तार मोटरसाइकिल ने टक्कर मार दी । दुर्घटना के बाद उसे गुरुवार रात जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था । इसके बाद अगले दिन अस्पताल के कर्मचारियों ने शव को फ्रीजर में रख दिया ।
लगभग सात घंटे बाद तक शव फ्रीजर में रखा रहा । एक पंचनामा या दस्तावेज पर शव की पहचान के बाद परिवार के सदस्यों को हस्ताक्षर के लिए पोस्टमार्टम हाउस बुलाया गया । शव के पोस्टमार्टम के लिए सहमति देनी थी, तभी फ्रीजर में रखे गए मृतक शख्स की भाभी मधुबाला ने जो देखा उससे उसके होश उड़ गए । मधुबाला ने देखा कि फ्रीजर में शरीर थोड़ा हिला। इन लोगों ने तुरंत ही वीडियो बनाना शुरू कर दिया । इस वायरल हुए एक वीडियो में मधुबाला को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘वह मरा नहीं है । यह कैसे हुआ? देखिए, वह कुछ कहना चाहता है, वह सांस ले रहा है ।
लगभग सात घंटे बाद तक शव फ्रीजर में रखा रहा । एक पंचनामा या दस्तावेज पर शव की पहचान के बाद परिवार के सदस्यों को हस्ताक्षर के लिए पोस्टमार्टम हाउस बुलाया गया । शव के पोस्टमार्टम के लिए सहमति देनी थी, तभी फ्रीजर में रखे गए मृतक शख्स की भाभी मधुबाला ने जो देखा उससे उसके होश उड़ गए । मधुबाला ने देखा कि फ्रीजर में शरीर थोड़ा हिला । इन लोगों ने तुरंत ही वीडियो बनाना शुरू कर दिया । इस वायरल हुए एक वीडियो में मधुबाला को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘वह मरा नहीं है । यह कैसे हुआ? देखिए, वह कुछ कहना चाहता है, वह सांस ले रहा है ।
मुरादाबाद के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शिव सिंह ने कहा, “आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी ने सुबह 3 बजे मरीज को देखा था तब उसका दिल नहीं धड़क रहा था । उसने कई बार उस व्यक्ति की जांच की थी । उसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया था, लेकिन सुबह पुलिस की टीम और उसके परिवार ने उसे जीवित पाया । जांच के आदेश दे दिए गए हैं । हमारी प्राथमिकता अब उसकी जान बचाना है.” सिंह ने कहा कि यह उन दुर्लभ मामलों में से एक है। हम इसे लापरवाही नहीं कह सकते ।
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परिजनों ने कहा, “हम डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही की शिकायत दर्ज कराएंगे, क्योंकि उन्होंने श्रीकेश को फ्रीजर में रखकर लगभग मार डाला था.” वहीं, श्रीकेश कुमार का अब मेरठ के एक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है जहां उनकी हालत में सुधार आया है ।
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