सत्यखबर अंबाला (अंकुर कपूर) – पूर्व मंत्री निर्मल सिंह को शहर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव हारने का गम नहीं जितना गुजरे विधान सभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्षा कुमारी सैलजा द्वारा टिकट काटने की टीस उनके दिल में साफ़ झलकती है। वे इसका सारा दोष कुमारी सैलजा पर मढ़ते हैं। निर्मल का साफ़ कहना है कि मुर्दाबाद के नारे और काले झंडे दिखाना तो साधारण चीज थी यदि वो महिला न होती तो उनका मुँह काला कर देते। अब सैलजा को अंबाला को भूल जाना चाहिए क्योंकि उसने जिद्द करके और प्रधान बनने का फायदा उठाते हुए सोनियां गाँधी को भी ब्लेकमेल किया है। वो इस बात को भूल गई जब वे हिसार से भाग कर आई थी तब निर्मल ने उनकी सियासी तौर पर मदद की थी।
उन्होंने कहा कि वे अचानक भूपिंदर सिंह हुड्डा से भी लड़ पड़ी। क्या वे बताएगी कि वे इलाका के लिए लड़ी या पार्टी के लिए लड़ी। निर्मल ने कहा नजदीकियों का फायदा उठाकर आप कभी मैदान से हट जाती हैं। निर्मल ने कहा कि वो इस इलाके की भी निवासी नहीं है फिर उम्मीदवार तो उसी इलाके के होने चाहिए जिन्हे साडी भूगौलिक स्थिति की जानकारी होती है।
भाजपा का नाम लिए बिना नैतिकता का पाठ पढ़ने वाली सियासी पार्टियों पर प्रश्नचिन्ह लगते हुए निर्मल सिंह ने कहा कि “नैतिकता” के नाम पर आज नंगा नाच हो रहा है। उन्होंने महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोआ में क्या हुआ? नैतिकता तो उनके आसपास भी नहीं है। जो कल तक इस बात को लेकर कांग्रेस को कोसते थे आज खुद वो क्या कर रहे हैं?
कांग्रेस से अलग हुए निर्मल सिंह अब नया मोर्चा गठित करने में लगे हैं। उनका कहना है अभी नाम के लिए प्रार्थनापत्र दे दिया है। दो महीने बाद मोर्चे के नाम और झंडे का खुलासा कर देंगे। उनका उद्देश्य लोगों को न्याय दिलाने, नौकरियों में सही हिस्सा दिलवाने सहित भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि हर एक मुख्यमंत्री अपने इलाके का ज्यादा धयान रखता है और अन्य से भेदभाव करता है जिसे वे खत्म करेंगे। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से हाईकमान के चमचों को टिकट बाँटने की और भी इशारा किया।
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