सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
हालांकि लॉक डाउन के चलते मां के पास मेरा जाना तो नहीं हो पाया, परंतु मेरी 80 वर्षीय मां हम सबकी पावर हाउस है। जिसने हमें जीवन जीने की कला सिखाई, बल्कि वह स्वयं अशिक्षित होते हुए भी हमारी सबसे अच्छी शिक्षक रही। यह कथन सेवानिवृत एसोशिएट प्रोफेसर केरा सिंह ने मातृ दिवस के उपलक्ष में मां के उन पर किए गए अहसान को याद करते हुए कहे। केरा सिंह ने कहा कि मां ने हमें सिखाया कि बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं है, यहां तक कि वो पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। वह मां ही थी, जिनकी बदौलत ग्रामीण आँचल में रहते हुए भी मैं कालेज में प्रोफेसर जैसे पद को हासिल कर पाई। उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए मेरी बेटी भी दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएचडी, डी लिट् किए हुए है। इसलिए लड़कियों को अच्छा खानपान, अच्छी शिक्षा और पर्याप्त आजादी मिले, ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। मां ने सिखाया कि बेटियों को इतना काबिल बनाओ की उन्हें किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े। केरा सिंह ने कहा, आज भी मेरी बूढ़ी मां अपनी मजबूत सोच के साथ कन्या शिक्षा के लिए प्रयासरत है। काश! मेरी मर्दानगी भरी मां जैसी मां सब को मिले, ताकि ये धरती स्वर्ग बन जाए।
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