सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
दो परिवारों में चल रहे जमीनी विवाद में युवक को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। वहीं एक महिला गोली के छर्रे लगने से घायल हो गई। गोली चलने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक साक्ष्यों को जुटाया। डीएसपी साधुराम व सिटी एसएचओ राकेश कुमार ने मौका निरीक्षण किया। पुलिस इस मामले में आवश्यक कारवाई कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार नरवाना के मोरपत्ति में 4 साल पहले धर्मपाल व रिषिया के परिवार में खेत में जमीन को लेकर विवाद हो गया था और धर्मपाल के परिवार के लोगों पर रिषिया के परिवार ने खेत में मारपीट का मामला दर्ज करवा दिया था। जिसके बाद दोनों परिवारों में विवाद बढ़ गया था और आपस में रंजिश रखने लग गये थे। जिसके बाद 28 वर्षीय नरेंद्र मोर उर्फ मादी ने रंजिश रखते हुए रिषिया के परिजनों पर गंडासी से हमला कर दिया था। जिसमें नरेंद्र मोर, उसके पिता धर्मपाल, भाई सलिंद्र व चचेरे भाई सुनील पर हत्या का प्रयास का मामला दर्ज हो गया था। जिसके बाद कोर्ट में केस चला था, तो नरेंद्र मोर सहित 4 पर 307 में सात साल की सजा हो गई थी। जिसमें नरेंद्र मोर व अन्य जींद जेल में सजा भुगत रहे थे। लेकिन लॉकडाउन के दौरान नरेंद्र, उसके पिता धर्मपाल, भाई सलिंद्र व चचेरे भाई सुनील को 42 दिन की पैरोल मिली थी, जिसको आगे बढ़ा दिया गया था। नरेंद्र मोर पैरोल पर आने के बाद अपने घर पर रहता था।
गली में खड़े नरेंद्र को बाइक सवारों ने मारी 3 गोली
मृतक नरेंद्र मोर शाम के समय अपनी घर की गली पर अकेला खड़ा हुआ था, तो इस दौरान अपाचे बाइक पर दो युवक आये और उन्होंने बाइक से उतरते ही नरेंद्र पर धड़ाधड़ फायर करने शुरू कर दिये। जिसमें नरेंद्र को 3 गोलियां छाती के आस-पास लगी और 2 गोली नहीं चली। वहीं गोली के छर्रे लगने से निर्मला नाम की महिला घायल हो गई। गोली लगते ही नरेंद्र उर्फ मादी मौके पर गिर पड़ा। वहीं गोली चलने की आवाज सुनते ही नरेंद्र का पिता धर्मपाल मौके पर दौड़ा आया और उसने नरेंद्र को लहुलूहान पड़ा देख बदमाशों पर ईंट से वार भी किया। जिसके बाद दोनों बदमाश मौके पर बाइक छोड़कर पैदल ही भाग गये। नरेंद्र मोर को गंभीर रूप से घायल अवस्था में नागरिक अस्पताल में लाया गया, जहां उसको डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
नरेंद्र के स्वजनों ने जगदीप उर्फ गगड़ पर लगाया हत्या का आरोप
मृतक नरेंद्र का भाई सलिंद्र ने बताया कि उसके भाई को मारने के लिए दो बाइकों पर 5 युवक आये थे, जिसमें एक मोरपत्ति वासी जगदीप उर्फ गगड़ भी शामिल था। उसने बताया कि जगदीप उर्फ गगड़ ने ही उसके भाई पर गोलियां चलाई हैं। उसने बताया कि जगदीप के परिवार ने उनके परिवार पर हत्या का प्रयास का झूठा मामला दर्ज करवाया था और उसके बाद से ही जगदीप उर्फ गगड़ व उसके परिवार के लोग उनसे रंजिश रखे हुए थे। जिसकी वजह से ही उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया। उसने बताया कि नरेंद्र मोर कहीं बाहर ही नहीं जाता था, बल्कि घर की गली के आस-पास ही रहता था। नरेंद्र मोर को यह आभास ही नहीं था कि उस पर हमला हो सकता है। वह बेफिक्र होकर खड़ा था।
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मोरपत्ति में गोली लगने से नरेंद्र मोर की मौत हो गई है। पुलिस इस मामले में गहनता से कारवाई कर रही है। पुलिस मृतक के स्वजनों के बयान लेकर आगामी कारवाई अमल में ला रही है। फिलहाल आरोपियों की धड़-पकड़ के लिए सीआइए टीम को भेज दिया गया है।
साधुराम, डीएसपी
नरवाना।
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