सत्यख़बर डेस्क
मध्य प्रदेश के कटनी जिले में एक गुरु ने स्त्री और बालिका सम्मान की अनूठी मिसाल पैदा की है। यह गुरु बीते 20 वर्ष से समय समय से बेटिओ की पूजा और चरण पूजन के बाद ही अध्यापन का काम शुरु करते हैं। कटनी जिले के लोहरवारा में है प्राथमिक विद्यालय । यहां पढ़ने आने वाली बेटियो का प्रभारी भैया लाल सोनी प्रार्थना से पहले उनके चरण को बगैर किसी भेदभाव के गंगा जल से धोते हैं और पूजन करने के बाद ही अध्यापन का काम शुरु करते हैं। यह क्रम बीते 23 वर्षो से निरंतर चालू है। कोरोना महामारी के दौर में स्कूल बंद रहे और हमारा घर हमारा विद्यालय के तहत संचालित मोहल्ला क्लास में भी लड़कियों का पूजन करना नही भूलते।
भैया लाल सोनी कहते हैं कि एक पवित्र सोच के साथ नमामि जननी अभियान का प्रारंभ कीया था। इस अभियान का मकसद लड़कियों और स्त्रियों का सम्मान है। आम तौर पर प्रार्थना से पहले बेटियो के पैर गंगाजल से धोए जाते हैं और नवरात्र में बेटियों का जिस तरह से पूजन होता है, वैसा ही पूजन नियमित तौर पर किया जाता है।
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मध्य प्रदेश की शिवराज सिह चौहान सरकार ने 25 जनवरी को सुशासन दिवस के मौके पर यह तय किया है कि सभी सरकारी कार्यक्रम कन्या पूजन के साथ प्रारंभ होंगे। शिक्षक सोनी ने सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा है कि एक तरफ जहां उनके स्कूल में कन्या और महिला सम्मान के लिए नमामि जननी अभियान चलाया जा रहा है, वहीं स्वच्छता का संदेश देने और छुआछूत को भी दूर करने के प्रयास चल रहा हैं।
सोनी से जब पूछा गया कि यह विचार उनके दिमाग में कैसे आया तो उनका कहना था कि यह प्रेरणा तो परिवार से मिली। वहीं यह भी दिखा कि स्त्रियों को समाज में वह स्थान नहीं मिलता जिसकी वे हक रखती हैं, उनसे हमेशा भेदभाव किया जाता है। लोगों की सोच बदले इसे ध्यान में रखकर यह कार्यक्रम शुरु किया। तय किया है कि जीवन भर बेटियों का सम्मान करुंगा, ताकि लोगों में नैतिकता का वातावरण निर्मित हो और जो अनैतिक कार्य होते है उन पर रोक भी लगेगी।
गांव के पूर्व सरपंच सुखराज सिंह बताते है कि विद्यालय में बालिकाओं के सम्मान का क्रम वर्षों से जारी है। यह काम बालिका और महिलाओं के सम्मान में एक अच्छी पहल है। प्रार्थना के पहले यहां का नजारा अलग हेाता है, बालिकाओं का पूजन किया जाता है। इसकी हर कोई सराहना भी करता है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को शिक्षक राजा भैया ने सही अथोर्ं में सार्थक किया है। शिक्षक द्वारा कन्या पूजन से न केवल स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों में उत्साह का संचार है, बल्कि लोंगों में भी जागरूकता देखी जा सकती है। यही कारण है कि लोग शिक्षक राजा भैया के अनुकरणीय कार्य की सराहना करते हैं। राजा भैया स्थानीय, जिला स्तर से लेकर प्रदेश देश स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें इंडिया व एशिया बुक रिकॉर्डस में भी शामिल किया जा चुका है।
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