सत्यख़बर डेस्क
यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयरफोर्स और इराक की वायुसेना ने मिलकर ISIS के आतंकियों पर बॉम्ब वर्षा की। युनाइटेड किंगडम की एयरफोर्स और इराक की एयरफोर्स ने मिलकर मिशन को अंजाम तक पहोंचाया। इराक के उत्तरी भाग में रहे इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी केम्पो को तबाह करने के लिए यह मिशन किया गया था। ब्रिटिश सरकार ने अब इसकी जानकारी दी है। इराक के मुख्मुर पर्वतीय भाग पर इस्लामिक स्टेट के कैम्प होने की जानकारी मिलते ही यह लश्करी कारवाही की गई थी।
यूके के संरक्षण प्रधान बेन वेलेस ने कहा कि आतंकियों के मंसूबों को ख़तम करने के लिए यह कारवाही की गई थी। आतंकी पहाड़ी गुफाओं में छुपे है यह जानकारी मिली थी। इसीलिए युके ने खास टायफून इफजीआर फॉर फाइटर प्लेन भेजे थे। यह प्लेन ख़ास तौर के स्टॉर्म शैडो मिसाइल से लेस थे।
मिसाइल की बात करें तो स्टॉर्म शैडो मिसाइल आबादी वाले इलाकों में उपयोग नहीं की जाती क्योंकि यह बहोत विनाशक है। इसका प्रथम उपयोग इन पहाड़ियों पर किया गया था।
हालाकि आतंकी बेसिस को टार्गेट करने के पहले कड़ी जासूसी से जानकारी ली गई। हमले के वक्त युके ने 43 पाववे बॉम्ब और 10 स्टॉर्म शैडो मिसाइल का प्रयोग किया था।
बात करें आतंकियों की तो आतंकी इस्लामिक स्टेट के थे। देखें तो तकरीबन 10 हज़ार से भी ज़्यादा आतंकी सीरिया-इराक़ में है। इनको ख़त्म करने के लिए विश्व के 82 देश सहमत हुए थे। ब्रिटेन भी इन 82 में से एक है। ब्रिटेन ने कहा है कि इन आतंकी संगठनों को ख़त्म करने के मिशन होते ही रहेंगे। वैसे तो मिशन के मृत्युअंक में कितने आतंकी मारे गए है ये नहीं सामने आया मगर इन आतंकियों को ठिकाने लगा दिया गया है।
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