सत्य खबर, नई दिल्ली
यूक्रेन पर रूस हमले का आज तीसरा दिन और तीसरे दिन भी रूसी सेना लगातार आगे बढ़ रही है और देर रात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया था, जो रूस के वीटो के बाद गिर गया। निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान भारत, चीन, और संयुक्त अरब अमीरात वोटिंग में शामिल नहीं हुआ। जबकि, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, नॉर्वे, आयरलैंड, अल्बानिया, गबोन, मैक्सिको, ब्राजील ने रूस के खिलाफ वोट डाला। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि, आने वाला वक्त यूक्रेन के लिए बहुत ज्यादा भारी होने वाला है। जबकि, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि, रूस का मकसद यूक्रेन पर कब्जा नहीं करना है और अगर यूक्रेन की सेना सरेंडर कर दे, तो रूस बातचीत के लिए तैयार है। यूक्रेन युद्ध पर जानिए तमाम अपडेट्स…
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लाने के लिए विदेश मंत्रालय व्यवस्था कर रहा है। घबराने की जरूरत नहीं है। छात्र दूतावास के संपर्क में रहें और उनके द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन बॉर्डर के पास रोमानिया एयरस्पेस में तीन अमेरिकी विमानों को देखा गया है। इसमें एक विमान खुफिया जानकारी इकट्ठा कर रहा, जबकि दो रिफ्यूलिंग टैंकर हैं।
स्वीडन-फिनलैड को चेतावनी रूसी विदेश मंत्रालय ने साफ तौर पर अपने उन पड़ोसी देशों को गंभीर चेतावनी दी है, जो नाटो में शामिल होने का सपना देख रहे हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़खारोवा ने कहा कि, “फिनलैंड और स्वीडन को अन्य देशों की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के लिए अपनी सुरक्षा का आधार नहीं बनाना चाहिए और नाटो में उनके प्रवेश के हानिकारक परिणाम हो सकते हैं और उन्हें भी सैन्य और राजनीतिक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।” रूसी विदेश मंत्रालय ने बाद में ट्वीटर के जरिए भी स्वीडन और फिनलैंड को गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी दी है।
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रूसी सेना ने यूक्रेन की राजधानी कीव में एक महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाने ‘विक्ट्री एवेन्यू’ पर जोरदार हमला किया है। यूक्रेनी सेना ने कहा है कि, हमले का जोरजार जवाब दिया जा रहा है।
सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे सीमा चौकियों पर भारत सरकार के अधिकारियों के साथ पूर्व समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकी पर न जाएं। भारत सरकार ने कहा है कि, बिना किसी पूर्व कॉर्डिनेशन के सीमावर्ती इलाकों में नहीं जाएं और भारत सरकार के अधिकारियो के साथ लगातार संपर्क बनाकर ही बॉर्डर पोस्ट के पास जाएं। भारत सरकार ने हेल्पलाइन नंबर और आपातकालीन नंबर स्थापित किए हैं। सीमावर्ती इलाकों में स्थिति काफी संवेदनशील है और भारतीय दूतावास लगातार पड़ोसी देशों के साथ संपर्क में हैं।
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