सत्य खबर, पानीपत
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राजस्थान सरकार द्वारा कर्मचारियों की बहुप्रतीक्षित पुरानी पेंशन स्कीम की मांग माने जाने के फैसले का स्वागत किया हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को भी कर्मचारियों की मांग माननी चाहिए। उन्होंने कहा कि जेजेपी ने बाकायदा अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का वादा किया था, उसे अपना वादा पूरा करना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि अगर मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करती तो उनकी सरकार बनने पर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाएगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज पानीपत दौरे पर थे। इस मौके पर कर्मचारी यूनियन, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, व्यापार मंडल, आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्कर्स ने उन्हें अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। हुड्डा ने सभी की मांगों को आने वाले विधानसभा सत्र में पुरजोर ढंग से उठाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्कर लंबे समय से सड़कों पर आंदोलनरत हैं। क्योंकि, प्रदेश सरकार खुद के द्वारा की गई घोषणाओं को लागू नहीं कर रही है और ना ही प्रधानमंत्री द्वारा किए गए एलान का लाभ इन महिला वर्कर्स को दिया जा रहा है। सरकार को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा किए गए एलान पर अमल करना चाहिए। अगर मौजूदा सरकार इससे पीछे हटती है तो हमारी सरकार बनने पर इन वर्कर्स की मांगों को माना जाएगा और उनके कल्याण के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष से मिलने पहुंचे पानीपत वासियों ने बताया कि समाज का हर तबका मौजूदा सरकार की नीतियों से परेशान है। प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री को लेकर लोग कई महीनों से दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। प्रॉपर्टी आईडी, विकास शुल्क, एनहैंसमेंट, कलेक्ट्रेट में फेरबदल, ऑनलाइन रिकॉर्ड में गड़बड़ियों के चलते रजिस्ट्री को लटकाया जा रहा है। रजिस्ट्री के नाम पर तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। हजारों रुपये देने के बाद भी लोगों का काम नहीं हो पा रहा है।
हुड्डा ने इस मसले को भी विधानसभा में उठाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में कांग्रेस विधायक पुरजोर तरीके से जनता के मुद्दों को उठाने के लिए तैयार हैं। हर मसले पर सरकार की जवाबदेही तय की जाएगी। इसका उदाहरण बजट सत्र शुरू होने से पहले ही देखने को मिल गया है। कांग्रेस विधायक दल ने बैठक करके ‘विकास शुल्क’ में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी के खिलाफ सड़क से सदन तक मोर्चा खोलने का ऐलान किया तो सरकार को झुकना पड़ा और अपना फैसला वापिस लेना पड़ा।
उन्होंने कहा कि इसी तरह सरकार को डोमिसाइल के लिए 15 साल की शर्त को घटाकर 5 साल करने के फैसले को भी वापस लेना पड़ेगा। क्योंकि डोमिसाइल नियम में किया गया बदलाव सीधे तौर पर मूल हरियाणवियों के अधिकारों पर कुठाराघात है। इससे एससी और ओबीसी समाज को भारी नुकसान होगा। उनके लिए नौकरी, कॉलेज-यूनिवर्सिटी में एडमिशन, छात्रवृत्ति और राशन जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल पाना मुश्किल हो जाएगा। 5 साल के डोमिसाइल से प्रदेश की डेमोग्राफी बदलेगी और प्रदेश के राजस्व पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार की विध्वंसकारी नीतियों के चलते हरियाणा पहले ही ढाई लाख करोड़ के कर्ज तले दबा हुआ है। जबकि, पिछले 7 साल में सरकार द्वारा जनहित का कोई कार्य नहीं किया गया। हालत यह है कि 2014 से पहले जो हरियाणा प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, खुशहाली और विकास में नंबर वन था, वो आज बेरोजगारी, अपराध, कर्ज और महंगाई में नंबर वन बन गया है।
हरियाणा में बेरोजगारी का ताजा उदाहरण जींद में देखने को मिला। जींद कोर्ट में चपरासी के 3 पदों के लिए भर्ती निकली। 8वीं पास की इस भर्ती के लिए 5000 नौजवानों ने अप्लाई किया। अप्लाई करने वालों में M.Tech, पोस्ट ग्रेजुएट और ग्रेजुएट युवा शामिल हैं। बेरोजगारी इस स्तर पर पहुंच चुकी है कि चपरासी के 1-1 पद के लिए भी हरियाणा में हजारों युवाओं की लाइन लग जाती है।
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