काफिले के साथ नहीं चल पाती थी गाड़ी
तेज भगाने पर हांफ जाती थी टाटा सफारी
चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को सजा सुनाने वाले सीबीआई के जज जगदीप सिंह ने सरकारी बुलेट प्रूफ टाटा सफारी गाड़ी वापस कर दी है। उनका कहना है कि यह गाड़ी अन्य गाड़ियों के साथ रफ्तार नहीं मिला पाती थी। तेज गति से भगाने पर वजन अधिक होने के कारण गाड़ी का दम फूल जाता था। सूत्रों के मुताबिक,एक जगह पर गाड़ी खराब हो जाने के बाद ही उन्होंने गाड़ी और ड्राइवर दोनों वापस कर दिए हैं। जज जगदीप सिंह को यह गाड़ी जेड सुरक्षा के साथ सरकार ने दी थी। उनके पूरे परिवार की सुरक्षा इसलिए बढ़ाई गई थी कि उन्होंने हरियाणा के सर्वाधिक संवेदनशील मामले में सजा सुनाई थी। उनके द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद ही राम रहीम को सरकार ने जेल भेजा था। उसके बाद से ही उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा था।
गाड़ी के साथ चलना मुश्किल होता था
सूत्रों के मुताबिक,बुलेट प्रूफ होने के कारण गाड़ी का वजन बहुत ज्यादा था,जिसके कारण यह तेज नहीं दौड़ पाती थी। सुरक्षा काफिले में गाड़ी पीछे न रह जाए, इसलिए इसे 30 से 40 की स्पीड पर दौड़ाया जाता था। पंचकूला में लोकल ही कही जाने के लिए तो गाड़ी से काम चलता था,लेकिन यदि बाहर जाना हो तो गाड़ी के साथ चलना मुश्किल होता था। सुरक्षा कारणों से भी देखा जाए तो यह गाड़ी मुफीद नहीं बैठ रही थी। तंग आकर गाड़ी को किनारे कर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि गाड़ी के साथ जज साहब ने सरकारी ड्राइवर को भी अलविदा कह दिया है। मालूम हो कि इस मामले में पूर्व डीजीपी बीएस संधू सहित कुछ गवाहों को भी पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई गई है। समय-समय पर सरकार की ओर से इस सुरक्षा का रिव्यू किया जाता है।
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