मुकदमा दर्ज होने के बाद थानों के रजिस्टर में धूल फांक रहीं थीं
न्याय के इंतजार में थानों के धक्के खा रहे थे शिकायतकर्ता
अब शिकायतकर्ता से शपथपत्र लेगी पुलिस, मुकरने पर होगी कार्रवाई
चंडीगढ़। हरियाणा में कबूतरबाजी का नेटवर्क इतना बड़ा है कि मामले की जांच करने में लगे पुलिस अधिकारियों को भी हैरत में डाल दिया है। विदेश से डिपोर्ट किए गए हरियाणा निवासियों से पूछताछ में पुलिस ने पाया कि गिरफ्तारियां तो अब शुरू हुई हैं। पुराने सैकड़ों मामले तफ्तीश के इंतजार में ही धूल फांक रहे हैं। करनाल रेंज की आईजी भारती अरोड़ा ने इस मामले में पुरानी दर्ज की गई करीब 200 एफआईआर खोल दी हैं, जिनमें बड़े कबूतरबाजों के नाम शामिल हैं। इन मामलों के शिकायतकर्ता पुलिस थानों के चक्कर काट रहे थे। लेकिन पुलिस के पास इन मामलों के लिए तफ्तीश का समय ही नहीं था। अब भारती अरोड़ा के नेतृत्व में गठित एसआईटी पुराने मामलों की भी परतें उधेड़ेगी।पुलिस ने निर्णय लिया है कि अब जो भी शिकायतकर्ता थाने में कबूतरबाजी से संबंधित शिकायत देने आएगा, पुलिस पहले उसके 161 के तहत बयान लेगी। शिकायतकर्ता से न मुकरने के संदर्भ में शपथ पत्र लिया जाएगाए जिसके बाद मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई शुरू की जाएगी। ऐसा इसलिए किया गया है कि शिकायतकर्ता ऐेसे मामले में समझौता करके मुकर न जाए। पुलिस ऐसे मामलों में मानव तस्करी के तहत अपराध की श्रेणी में लाकर मुकदमा दर्ज करेगी।
यह है मामला
लॉकडाउन के दौरान हरियाणा से गए 76 लोगों को अमेरिका में बॉर्डर क्रास करते हुए पकड़ा गया, जिसके बाद इन लोगों को डिपोर्ट कर दिया गया। विशेष विमान के माध्यम से इन लोगों को वापस भेजा गया, जिन्हें सरकार ने पंचकूला और आस-पास क्वारंटीन करवाया। बाद में इनके बयान पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
मानव तस्करी के तहत जमानत नहीं होगी
नई दर्ज होने वाली एफआईआर के तहत पुलिस मानव तस्करी की धाराओं को भी जोड़ेगी, जिससे कबूतरबाजों की जमानत मुश्किल हो जाएगी। पूर्व में लोग थाने के बाहर ऐसे मामलों में समझौता करने का प्रयास करते थे, जो अब संभव नहीं होगा।
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